ममता को सीएम बनाने में था बड़ा हाथ, अब देंगे ओवैसी का साथ। बंगाल के धुरंधर नेता अब्बास सिद्दीकी

ममता को सीएम बनाने में था बड़ा हाथ, अब देंगे ओवैसी का साथ। बंगाल के धुरंधर नेता अब्बास सिद्दीकी

Ashish Urmaliya || Pratinidhi Manthan

फुरफरा शरीफ दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी (Pirzada Abbas Siddiqui) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के बीच हुई मुलाकात ने साफ कर दिया है कि इस बार के पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) की राह आसान नहीं होने वाली.

पिछले पश्चिम बंगाल चुनावों में (West Bengal Elections) में ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) को सत्ता की कुर्सी तक पहुंचाने और सिंगूर-नंदीग्राम आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाने वाले फुरफरा शरीफ दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी (Pirzada Abbas Siddiqui) इस बार के विधानसभा चुनाव में कुछ अलग सियासी दांवपेच खेलने में लगे हुए हैं. हाल ही उन्होंने AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) से मुलाकात कर ये साफ कर दिया है कि इस बार चुनावों में दीदी की राह आसान नहीं होगी. जहां एक ओर बीजेपी सीधे तौर पर दीदी की पार्टी यानी तृणमूल कांग्रेस को टक्कर देती दिखाई दे रही है वहीं दूसरी ओर अब्बास और ओवैसी का इस तरह एक दूसरे के साथ आना ममता के वोट बैंक पर बड़ी चोट कर सकता है. ममता के लिए ये राजनीती बहुत मुश्किल खड़ी कर सकती है

आपको जानकारी हो कि बंगाल के हुगली जिले में फुरफुरा शरीफ नामक एक विख्यात दरगाह है. ​इस दरगाह का दक्षिण बंगाल के वोट बैंक पर विशेष दखल है. जब बंगाल में लेफ्ट फ्रंट की सरकार थी उस वक्त इसी दरगाह की मदद से ममता ने वहां सिंगूर और नंदीग्राम जैसे दो बड़े आंदोलन किए थे और ममता रातों रात स्टार बन गई थीं. फिर इसके बाद दीदी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगतार दो बार पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज हुईं. पश्चिम बंगाल के पिछले चुनाव के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो पाएंगे कि करीब 31 फीसदी वोट शेयर के साथ मुस्लिम पश्चिम बंगाल में किंगमेकर की भूमिका निभाते हैं. ममता बनर्जी  को सत्ता में काबिज कराने का पूरा श्रेय इन्हीं मुस्लिम वोटरों को जाता है. बता दें, कि पश्चिम बंगाल की 294 सीटों में से 90 सीटें सीधे तौर पर इन्हीं वोटरों पर केंद्रित रहती हैं.

बीते कई वर्षों से पीरजादा अब्बास सिद्दीकी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबियों में से एक रहे हैं. लेकिन हाल ही में देखा गया है कि पिछले कुछ समय से अब्बास सिद्दीकी ममता सरकार के खिलाफ बयान दिए जा रहे हैं और अब वह टीएमसी के विरोध में खुल कर उतर आए हैं. और इसी सब के बीच असद्दुदीन ओवैसी से उनका मिलना राजनीतिक पंडितों द्वारा बहुत ही अहम् बताया जा रहा है. बता दें, अब्बास से मुलाकात के बाद ओवैसी काफी उत्साहित दिखाई दे रहे थे. उन्होंने मीडिया को बताया था कि उनको अब्बास सिद्दीकी का पूरा समर्थन हासिल है. अब्बास सिद्दीकी बंगाल चुनाव को लेकर जो भी फैसला करेंगे हमें मंजूर होगा.

कभी ममता बनर्जी के बेहद करीबी माने जाते थे पीरजादा अब्बास सिद्दीकी-

ज्यादा पुरानी बात नहीं है जब​ फुरफरा शरीफ दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी को ममता बनर्जी का काफी करीबी माना जाता था. लेकिन अब वह खुलकर ममता बनर्जी के खिलाफ सामने आ चुके हैं. अब्बास सिद्दीकी ने दीदी की सरकार पर मुस्लिमों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. ऊपर हम बता ही चुके हैं कि बंगाल की करीब 90-100 सीटों पर फुरफुरा शरीफ दरगाह का भयंकर प्रभाव है. ऐसे में ममता बनर्जी की पीरजादा अब्बास सिद्दीकी से नाराजगी उन्हें बहुत ही ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है.

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