ऑनलाइन मनी ट्रांजेक्शन के वक्त ‘NEFT- RTGS’ में आपको भी कंफ्यूजन होता था? अब नहीं होगा!

ऑनलाइन मनी ट्रांजेक्शन के वक्त 'NEFT- RTGS' में आपको भी कंफ्यूजन होता था? अब नहीं होगा!

Ashish Urmaliya | The CEO Magazine

अगर आप भी ऑनलाइन मनी ट्रांसफर करते हैं, तो आरबीआई आपके लिए बड़ी सौगात लेकर आया है। आम लोगों को राहत देने की दिशा में कदम बढाते हुए आरबीआई ने RTGS और NEFT पर लगने वाले चार्जेज को हटा दिया है। मतलब, अब आप कितना भी बड़ा अमाउंट बिना किसी चार्ज के ऑनलाइन ट्रांजैक्ट कर सकते हैं। आइये समझते हैं।

RTGS के बारे में जान लेते हैं-

RTGS का फुल फॉर्म 'रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट' होता है। यह ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने का एक माध्यम होता है। मुख्य रूप से RTGS का उपयोग बड़ी रकम को ट्रांसफर करने के लिए होता है। इस विकल्प के अंतर्गत आप न्यूनतम 2 लाख रुपए तक का ट्रांजेक्शन कर सकते हैं और अधिकतम की तो कोई सीमा ही निर्धारित नहीं है।

रविवार या छुट्टी वाले दिनों में RTGS की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है। इस सुविधा का इस्तेमाल आप ऑनलाइन और बैंक ब्रांच दोनों के माध्यम से कर सकते हैं। 6 जून के पहले तक अलग-अलग बैंकों द्वारा RTGS  चार्ज भी अमाउंट और टाइम के हिसाब से अलग-अलग होता था। सरकारी बैंक स्टेटबैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) की ही बात करें, तो सुबह 9 से 12 बजे के बीच 2 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक के RTGS ट्रांजेक्शन पर 25 रूपए का चार्ज देना होता था। और अगर आप 5 लाख रुपए से अधिक का ट्रांजेक्शन करते थे तो आपको 51 रूपए अतिरिक्त चुकाने होते थे। लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है।

NEFT पर भी नजर डाल लेते हैं-

NEFT का फुल फॉर्म 'नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर' होता है। इसके अंतर्गत फंड ट्रांसफर का सेटलमेंट एक निश्चित समयावधि पर होता है। साधारण रूप से कहें, तो आप जो भी फंड इस विकल्प के जरिये ट्रांसफर करते हैं, वह तुरंत नहीं पहुंचता। रुपए ट्रांसफर की यह प्रक्रिया निर्धारित समय में पूरी होती है। इस विकल्प का इस्तेमाल भी ऑनलाइन के साथ ही बैंक ब्रांच से भी किया जा सकता है।

आरबीआई के फैसले से पहले, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया SBI के ग्राहकों को 10,000 रुपए के NEFT ट्रांजेक्शन के लिए 2.50 रूपए चार्ज के रूप में देना होता था। 1 लाख रुपए के ट्रांजेक्शन के लिए 5 रूपए, 1 से 2 लाख रूपए के ट्रांजेक्शन के लिए 15 रूपए और 2 लाख रुपए से ऊपर के सभी ट्रांजेक्शन्स के लिए 25 रुपए अतिरिक्त चार्ज के रूप में चुकाने होते थे।

वैसे बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों को इन दोनों विकल्पों के अलावा और भी कई अन्य तरह के विकल्प दिए जाते हैं, जैसे- आईएमपीएस-एमएमआईडी (तत्काल भुगतान सेवा), ईसीएस (इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सर्विसेज), यूपीआई (यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस) आदि। आप आपने बैंक से परामर्श कर इन सभी विकल्पों का लाभ भी उठा सकते हैं। आरबीआई ने सभी प्राइवेट-सरकारी बैंको को इस फैसले को जल्द से जल्द अमल में लाने के आदेश दे दिए हैं।

सरकारी योजना

No stories found.

समाधान

No stories found.

कहानी सफलता की

No stories found.

रोचक जानकारी

No stories found.
logo
Pratinidhi Manthan
www.pratinidhimanthan.com