जिला प्रशासन के अरुचि के कारण दिव्यांग नहीं बन पा रहा सशक्त

जिला प्रशासन के अरुचि के कारण दिव्यांग नहीं बन पा रहा सशक्त
जिला प्रशासन के अरुचि के कारण दिव्यांग नहीं बन पा रहा सशक्त
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जिला प्रशासन के अरुचि के कारण दिव्यांग नहीं बन पा रहा सशक्त-वैभव खरे

दतिया|हमारे संवेदनशील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिव्यांग सशक्तिकरण हेतु सुगम्य भारत अभियान जैसी योजनाएं संचालित कर रहे हैं, ताकि दिव्यांगजन समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर सशक्त बनकर एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपने दायित्वों का निर्माण करें परंतु जिला प्रशासन दतिया के अरुचि के चलते हुए दिव्यांग जनों का सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनने का सपना पूरा होना असंभव नजर आ रहा है। तत्कालीन केंद्रीय सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री माननीय श्री थावर चंद गहलोत द्वारा 1995 निराश्रित अधिनियम के अनुसार पत्र क्रमांक 45 दिनांक 27 फरवरी 2020 के माध्यम से कलेक्टर दतिया को पत्र लिखकर दिव्यांग जनों को नगर पालिका सीमा क्षेत्र के भीतर गुमटी हेतु भूमि प्रदान करने के लिए नियमानुसार कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया था।

उक्त पत्र पर कार्यवाही करते हुए कलेक्टर महोदय ने पत्र क्रमांक 553 दिनांक 5 मई 2020 एवं स्मरण पत्र क्रमांक 799 6 अगस्त 2020 से नगर पालिका दतिया दिव्यांग जनों के लिए स्थाई गुमटी नियमानुसार प्रदान करने के लिए कहा गया था। परंतु नगर पालिका प्रशासन के आरुचि पूर्ण रवैया के चलते दिव्यांग सशक्त नहीं बन पा रहे हैं। और ना ही उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में कोई प्रयास किए जा रहे है। एक ओर तो भारत सरकार द्वारा दिव्यांग जनों के हितार्थ हेतु कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस संबंध में श्री वंश गोपाल लोक कल्याण समिति के पदाधिकारी एवं जिला स्तरीय दिव्यांग समिति में मध्यप्रदेश शासन द्वारा नामित सदस्य वैभव खरे द्वार कई बार मुख्य कार्यपालन अधिकारी से इस संबंध में मुलाकात की गई लेकिन श्रीमान दुबे जी द्वारा हर बार बात को टाला जाता है

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