दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हो चुका है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता रेखा गुप्ता ने दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, जिससे राजधानी को 27 साल बाद एक महिला मुख्यमंत्री मिली है। इससे पहले सुषमा स्वराज ने 1998 में यह पद संभाला था।
रेखा गुप्ता: एक परिचय
रेखा गुप्ता का जन्म 1974 में हरियाणा के जींद जिले के जुलाना उपमंडल के नंदगढ़ गांव में हुआ। दो वर्ष की आयु में उनका परिवार दिल्ली स्थानांतरित हो गया, जहां उनके पिता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में प्रबंधक के रूप में कार्यरत थे। दिल्ली विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने के दौरान, रेखा गुप्ता अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ीं और विश्वविद्यालय की सचिव एवं अध्यक्ष रहीं। उन्होंने एलएलबी की डिग्री भी हासिल की है।
राजनीतिक सफर
रेखा गुप्ता का राजनीतिक करियर नगर निगम से शुरू हुआ। वह दक्षिण दिल्ली नगर निगम की महापौर रह चुकी हैं और दिल्ली भाजपा की महासचिव एवं भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं। 2025 के विधानसभा चुनाव में, उन्होंने शालीमार बाग सीट से आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हराकर विधायक पद हासिल किया।
मुख्यमंत्री पद की ओर यात्रा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने दिल्ली में महिला मुख्यमंत्री का प्रस्ताव रखा, जिसमें रेखा गुप्ता का नाम प्रमुखता से सामने आया। भाजपा ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना। उनके साथ, प्रवेश वर्मा को उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है। शपथ ग्रहण समारोह 20 फरवरी को रामलीला मैदान में आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई प्रमुख हस्तियों के शामिल होने की संभावना है।
दिल्ली की जनता की उम्मीदें
रेखा गुप्ता के नेतृत्व में, दिल्ली की जनता को विकास, सुरक्षा और समृद्धि की नई उम्मीदें हैं। उनका प्रशासनिक अनुभव और संगठनात्मक कौशल राजधानी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। अब देखना होगा कि नई सरकार जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरती है।
इस ऐतिहासिक अवसर पर, दिल्लीवासियों ने नई मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया है और उनके नेतृत्व में एक उज्जवल भविष्य की आशा व्यक्त की है।