छात्रों को मिलने वाले शिक्षा के पर्याप्त साधन उपलब्ध कराए जाएं:-सुश्री शांडिल्य

छात्रों को मिलने वाले शिक्षा के पर्याप्त साधन उपलब्ध कराए जाएं:-सुश्री  शांडिल्य
छात्रों को मिलने वाले शिक्षा के पर्याप्त साधन उपलब्ध कराए जाएं:-सुश्री शांडिल्य

छात्रों को मिलने वाले शिक्षा के पर्याप्त साधन उपलब्ध कराए जाएं:-सुश्री शांडिल्य

दतिया|राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष महोदय श्री आर.पी.शर्मा के निर्देशानुसार एवं अपर जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दतिया श्री मुकेश रावत जी के मार्गदर्शन में आज दिनांक:22.12.2021 को जिला दतिया के शासकीय उत्कृष्ट उ.म.विद्यालय न.01 दतिया में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

सुश्री अंकिता शांडिल्य जिला विधिक सहायता अधिकारी दतिया द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि राज्‍य कानून द्वारा निर्धारित करता है,मौलिक अधिकार के रूप में छह से चौदह वर्ष के आयु समूह में सभी बच्‍चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान करता है।निशुल्‍क और अनिवार्य बाल शिक्षा (आरटीई) अधिनियम, 2009 में बच्‍चों का अधिकार,जो अनुच्‍छेद 21(क) के तहत परिणामी विधान का प्रतिनिधित्‍व करता है,का अर्थ है,कि औपचारिक स्‍कूल,जो कतिपय अनिवार्य मानदण्‍डों और मानकों को पूरा करता है,में संतोषजनक और एकसमान गुणवत्‍ता वाली पूर्णकालिक प्रांरभिक शिक्षा के लिए प्रत्‍येक बच्‍चे का अधिकार है।अनुच्‍छेद 21(क) और आरटीई अधिनियम 1 अप्रैल, 2010 को लागू हुआ।आरटीई अधिनियम के शीर्षक में ''निशुल्‍क और अनिवार्य'' शब्‍द सम्मिलित हैं।निशुल्‍क शिक्षा' का तात्‍पर्य यह है।कि किसी बच्‍चे जिसको उसके माता-पिता द्वारा स्‍कूल में दाखिल किया गया है,को छोड़कर कोई बच्‍चा,जो उचित सरकार द्वारा समर्थित नहीं है, किसी किस्‍म की फीस या प्रभार या व्‍यय जो प्रारंभिक शिक्षा जारी रखने और पूरा करने से उसको रोके अदा करने के लिए उत्‍तरदायी नहीं होगा। 'अनिवार्य शिक्षा' उचित सरकार और स्‍थानीय प्राधिकारियों पर 6-14 आयु समूह के सभी बच्‍चों को प्रवेश,उपस्थिति और प्रारंभिक शिक्षा को पूरा करने का प्रावधान करने और सुनिश्चित करने की बाध्‍यता रखती है।इससे भारत अधिकार आधारित ढांचे के लिए आगे बढ़ा है जो आरटीई अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार संविधान के अनुच्‍छेद 21(क) में यथा प्रतिष्‍ठापित बच्‍चे के इस मौलिक अधिकार को क्रियान्वित करने के लिए केन्‍द्र और राज्‍य सरकारों पर कानूनी बाध्‍यता रखता है।

उक्त शिविर में संस्था के प्राचार्य श्री यू.के.मेदोरिया,कार्यक्रम प्रभारी श्री राजेश शर्मा,डॉ0 अर्चना श्रीवास्तव,श्रीमती शृद्धा सेंगर,श्रीमती राजश्री गुप्ता, श्री रवि शर्मा,श्री शक्ति पांडेय,श्री राघवेन्द्र कमरिया आदि शिक्षक उपस्थित रहे।

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