70 साल का रिकॉर्ड टूटा, संविधान पढ़ने लगे हैं लोग

70 साल का रिकॉर्ड टूटा, संविधान पढ़ने लगे हैं लोग

Ashish Urmaliya || Pratinidhi Manthan 

मेरेहिसाब से तो देश का संविधान स्कूली शिक्षा में शामिल होना चाहिए। हो क्यों नहीं पारहा? मेरी समझ से बाहर है।

खैर,जब से मोदी सरकार आई है तब से संविधान की पुस्तक की बिक्री बढ़ गई है। ये बिलकुल भीहास्यास्पद नहीं है, एकदम सच बात है। जरूरी भी है, देश के हर नागरिक को संविधान काज्ञान होना ज़रूरी है, हर नागरिक का जागरूक होना ज़रूरी है।

पिछले2 महीने में तो रिकॉर्ड बना डाला- पिछले कुछ महीनों से 'भारत का संविधान' किताब कीबिक्री इतनी बढ़ गई है कि प्रकाशन कंपनियों के पास इसका स्टॉक ख़त्म होता जा रहा है।आमतौर पर लोग ऑनलाइन संविधान सर्च कर रहे हैं और ऑनलाइन ही खरीद रहे हैं। संविधान कीडिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। और यही कारण है की मशहूर कमर्शियल वेबसाइट अमेज़न परइसकी बेस्ट सेलर के रूप में लिस्टिंग हो गई है। अमेज़न पर 'भारत का संविधान' कांस्टीट्यूशनललॉ केटेगरी में बेस्ट सेलर के रूप में बिक रही है. संविधान का प्रकाशन कंपनियों केमुताबिक, पिछले 2 महीनों में भारत के संविधान की बिक्री दोगुनी हो गई है। इसके पीछेके कारण तो आपको पता ही होगा।

जिनकोकारण नहीं पता उनको बता देते हैं, CAA और NRC के चलते पिछले दो महीनों में इस पुस्तककी बिक्री दोगुनी हो गई है। पॉकेट साइज़ से लेकर पेपर बैंक तक, संविधान के सभी वर्जनकी डिमांड लगातार बढ़ रही है। भारत का संविधान छापने वाली बुद्धम पब्लिशर्स के प्रकाशकके मुताबिक, 2 महीने के पहले तक वह महीने की 1000 कॉपी बेचा करते थे, वहीं अब महीनेकी 5000 कॉपी बेच रहे हैं। पहले आमतौर पर कानून के छात्र ही इस किताब को खरीदा करतेथे लेकिन पिछले कुछ महीनों से हर वर्ग के लोग इसे खरीद रहे हैं।

आलमये हो गया है, कि बढ़ती मांग के चलते कई प्रकाशकों ने संविधान की ओरिजिनल कॉपी तरह हीदिखने वाली कॉपी पब्लिश करनी शुरू कर दी है। इस कॉपी में Preamble की कैलीग्राफी सेलेकर वो सब चल चित्र हैं जो मूल संविधान की किताब में होते हैं।

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