चेतावनी- कोरोना बढ़ता गया तो 16 सेकंड में एक मरा हुआ बच्चा होगा पैदा- WHO

चेतावनी- कोरोना बढ़ता गया तो 16 सेकंड में एक मरा हुआ बच्चा होगा पैदा- WHO

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Ashish Urmaliya | Pratinidhi Manthan

Unicef और WHO ने संयुक्त रूप से चेतावनी जारी की है कि अगर कोरोना महामारी बढ़ी तो प्रेग्नेंट महिलाओं और उनके गर्भ के लिए खतरा भी बढ़ेगा। उन्होंने लिखा है कि प्रति वर्ष 20 लाख से भी ज्यादा मरे हुए बच्चे पैदा होंगे। खबर हृदय विदारक है। 

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (Unicef), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य सहयोगी संगठनों ने  चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि कोरोना महामारी की वजह से प्रेग्नेंट महिलाओं और उनके गर्भ के लिए ख़तरा पहले से बढ़ गया है. WHO ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि कोरोना महामारी बढ़ी तो हर 16 सेकेंड में एक मृत बच्चा पैदा होगा और हर साल 20 लाख से भी ज्यादा 'स्टिलबर्थ' के केस सामने आएंगे. रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से ज्यादातर मामले विकासशील देशों से होंगे।  WHO ने यह रिपोर्ट ट्विटर पर भी पोस्ट की है.

बीते गुरुवार को प्रकाशित रिपोर्ट में WHO ने खुलासा किया कि प्रत्येक वर्ष करीब 20 लाख शिशु मृत पैदा (स्टिलबर्थ) होते हैं और ये मामले ज्यादातर विकासशील देशों से जुड़े हैं. गर्भाधान के 28 हफ्ते या उसके बाद मृत शिशु के पैदा होने अथवा प्रसव के दौरान शिशु की मौत हो जाने को अंग्रेजी में 'स्टिलबर्थ' कहा जाता हैं.WHO ने बताया है कि पिछले वर्ष उप-सहारा अफ्रीका अथवा दक्षिण एशिया में चार जन्म में से तीन 'स्टिलबर्थ' थे.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) की कार्यकारी निदेशक हैनरिटा फोर के अनुसार, 'प्रत्येक 16 सेकेंड में कहीं न कहीं कोई न कोई मां 'स्टिलबर्थ' की पीड़ा झेलेगी.' साथ ही उन्होंने सलाह दी है कि बेहतर निगरानी, प्रसव के पहले अच्छी देखभाल और सुरक्षित प्रसव के लिए पेशेवर चिकित्सक की सहायता से ऐसे मामलों को रोका जा सकता है.

महामारी की वजह से गंभीर हो जाएंगे हालात-

WHO ने रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि कोविड-19 महामारी की वजह से ये वैश्विक आंकड़े और भी ज्यादा बढ़ सकते हैं. कहा गया है, कि वायरस के चलते दुनियाभर में स्वास्थ्य सेवाएं 50 प्रतिशत तक घटी हैं और इसके परिणामस्वरूप अगले वर्ष 117 विकासशील देशों में 2,00,000 और बच्चे 'स्टिलबर्थ' का शिकार हो सकते हैं. डब्लूएचओ ने कहा, कि अभी 'स्टिलबर्थ' के 40 प्रतिशत से अधिक मामले प्रसव के दौरान के हैं और अगर महिलाएं कुशल स्वास्थ्य कर्मियों की मदद से सुरक्षित प्रसव कराए तो ऐसे मामलों को काफी हद तक रोका जा सकता है.

मध्य एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में 'स्टिलबर्थ' के करीब आधे मामले प्रसव के दौरान के हैं वहीं यूरोप, उत्तर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में इसके छह प्रतिशत मामले हैं. प्रशव के दौरान होने वाली  मौतों को तो काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन 28 हफ्ते बाद होने वाली मौतों को कंट्रोल करना काफी मुश्किल है. WHO के मुताबिक, विकासित देशों में जातीय अल्पसंख्यकों में 'स्टिलबर्थ' के मामले ज्यादा होते हैं. उदाहरण के तौर पर देखें तो कनाडा में इन्यूइट समुदाय की महिलाओं में पूरे देश के मुकाबले 'स्टिलबर्थ' के मामले तीन गुना ज्यादा होते हैं.

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