आज विवाह पंचमी है, जिनकी शादी नहीं हुई वो ज़रूर पढ़ें!

हर साल मार्गशीर्ष यानि अगहन के महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन श्री राम और माता सीता का विवाह हुआ था। इसीलिए विवाह पंचमी के दिन श्री सीता राम के मदिरों को भव्यता के साथ सजाया जाता है।
आज विवाह पंचमी है, जिनकी शादी नहीं हुई वो ज़रूर पढ़ें!

देश में अधिकतर शादियां पिछले दो सालों से रुकी हुई थीं. इस साल हो रही हैं. इसीलिए जब आप मार्केट जाते होंगे तो आपको मार्किट एक दम पैक मिलता होगा, घंटों का ट्रैफिक जाम मिलता होगा।

मैं अपना ही अनुभव बताऊं, इंस्टाग्राम खोलता हूँ तो ऐसा लगता है जैसे इंस्टाग्राम सामूहिक विवाह की कोई योजना चला रहा है। चिंता न करिए, कुछ दिनों बाद आपका इंस्टा फीड हनीमून वाली फोटोज से भी सजा मिलेगा।

यहां वहां की बातें बहुत हुईं, असल मुद्दे पर आते हैं-

विवाह पंचमी - हर साल मार्गशीर्ष यानि अगहन के महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन श्री राम और माता सीता का विवाह हुआ था। इसीलिए विवाह पंचमी के दिन श्री सीता राम के मदिरों को भव्यता के साथ सजाया जाता है। पूजन, यज्ञ, अनुष्ठान किए जाते हैं।

शास्त्रों में विवाह पंचमी का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है, क्योंकि ये दिन माता सीता और त्रिलोकी नाथ श्री राम की मैरिज एनिवर्सरी यानि वैवाहिक वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। मिथिलांचल और नेपाल देश में तो यह दिन एक बड़े उत्सव का रूप धारण कर लेता है क्योंकि माता जानकी उसी भूमि की पुत्री थीं।

ये दिन ख़ास तौर पर उन लोगों के लिए बहुत शुभ होता है जिनके विवाह में किसी भी तरह की अड़चनें आ रही हों। प्रबल मान्यता है कि विवाह पंचमी के दिन प्रभु श्रीराम और माता सीता का व्रत रखकर विधि विधान के साथ पूजा करने से विवाह में आ रहीं सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। और मनचाहे जीवन साथी की प्राप्ति होती है।

इतना ही नहीं, अगर शादीशुदा लोग भी साल भर में एक बार आने वाले इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं तो उनके वैवाहिक जीवन में आने वाली सभी तरह की समस्याएं धीरे-धीरे समाप्त हो जाती हैं। सनातन धर्मावलम्बियों को विवाह पंचमी के दिन अपने घर में राम चरित मानस का पाठ अवश्य करना चाहिए। इससे घर में सुख शांति बनी रहती है.

पूजा विधि भी जान लीजिए,

प्रातः काल उठ कर स्नान करें और सीता राम का स्मरण करते हुए मन में व्रत का संकल्प लें. इसके बाद चौकी पर लाल पीले रंग का कोरा वस्त्र बिछाएं और राम जानकी की मूर्ति स्थापित कर उनको स्नान कराएं, प्रभु श्री राम को पीले तथा माता सीता को लाल वस्त्र पहनाएं। रोली, अक्षत, पुष्प, धूप और दीप आदि से उनका पूजन करें. प्रसाद चढ़ाएं और विवाह पंचमी की कथा पढ़ें या सुनें। इसके बाद ‘ओम् जानकी वल्लभाय नमः’ मंत्र की 1, 5, 7 या 11 मालाएं करें. प्रेमपूर्वक आरती करें. प्रभु के चरणों के समक्ष अपने जीवन में आए संकटों को दूर करने की प्रार्थना करें। इसके बाद सभी को प्रसाद बांटें।

विवाह पंचमी तिथि

आरंभ- 07 दिसंबर 2021 को रात 11 बजकर 40 मिनट से

समाप्त- 08 दिसंबर 2021 को रात 09 बजकर 25 मिनट पर

ओम् जानकी वल्लभाय नमः

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