अनीता केवट की मृत्यु का कारण पलमोनरी एम्बोलिजम है , चिकित्सकीय लापरवाही नहीं - डॉ हेमंत कुमार जैन

किसी भी गर्भवती महिला की मौत दुखद
अनीता केवट की मृत्यु का कारण पलमोनरी एम्बोलिजम है , चिकित्सकीय लापरवाही नहीं - डॉ हेमंत कुमार जैन
अनीता केवट की मृत्यु का कारण पलमोनरी एम्बोलिजम है , चिकित्सकीय लापरवाही नहीं - डॉ हेमंत कुमार जैन
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दतिया / शुक्रबार की सुबह करीब साढ़े 4 बजे जिला अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में अनिता केवट पत्नी प्रभुदयाल निवासी बरधा वाली गली देहात थाने के पीछे दतिया उम्र 22 वर्ष को प्रसव पीड़ा के कारण भर्ती कराया गया था , और शुक्रबार की रात को सिजेरियन आपरेशन के 2 घंटे बाद ही मरीज अनिता की मृत्यु हो गयी।

अस्पताल प्रशासन ने इस मामले को तुरंत अपने संज्ञान में लिया और डीन डॉ दिनेश उदेनिया ने इस मामले की जांच के आदेश डॉ हेमंत कुमार जैन को दिया।डॉ हेमंत जैन ने मीडिया को बताया कि महिला अनिता सुबह करीब साढ़े 4 बजे भर्ती हुई और महिला की यह पहली डिलीवरी थी ,चूंकि पहली डिलीवरी में मरीज को 10 से 14 घंटे दर्द होते हैं उसके बाद ही महिला की सर्विक्स (बच्चेदानी का मुंह) पूरी तरह खुलती है ,अतः मरीज को इस समय तक ऑब्जरवेशन में रखा गया, तत्पश्चात जब मरीज की बच्चे दानी का मुंह पूरी तरह नहीं खुला तो मरीज के पति और उसकी सास से ऑपरेशन संबंधी सहमति ली गयी , जिसमें मरीज को आपरेशन से दौरान और बाद में होने बाली समस्याओ से अवगत कराया गया , साथ ही साथ खून की व्यवस्था करने को कहा गया।

ऑपेरशन शाम को किया गया और ऑपेरशन के बाद जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ थे।करीब 2 घंटे बाद मरीज एक दम से कोलैप्स कर गया ( मरीज के दिल और दिमाग ने काम करना बंद कर दिया )। इस दौरान डयूटी पर उपस्थित जूनियर एवं सीनियर रेसिडेंट्स, फर्स्ट ऑन कॉल डॉ अमिता शर्मा और सेकंड ऑन कॉल डॉ स्वेता यादव भी उपस्थित थी , मेडिसिन ऑन कॉल डॉ एस एन शाक्य भी आये और अपना प्रयास किया सभी के संयुक्त प्रयास के पश्चात भी मरीज को नहीं बचाया जा सका।

मरीज के परिजनों से जब मृत्यु का काऱण जानने के लिए पोस्ट मोर्टेम कराने के लिए कहा गया तो मरीज के परिजन तैयार नहीं हुए और मरीज को अपने साथ ले गए। डॉ अमिता शर्मा के अनुसार पोस्ट डिलीवरी महिलाओं में कई प्रकार के परिवर्तन शरीर में आते हैं जिसमें पलमोनरी एम्बोलिजम मृत्यु का मुख्य कारण है, जिसमें बच्चे दानी के पास की नसों में खून का थक्का जम जाता है और यही थक्का फेफड़ों और दिल की नसों को बंद कर देता है , और मरीज के दिल और दिमाग काम करना बंद कर देते हैं। इस प्राथमिक जांच के दौरान यह भी पाया गया कि शुक्रवार के दिन करीब 06 सिजेरियन और करीब 07 नार्मल डिलीवरी हुईं थी और अनिता को छोड़ कर सभी जच्चा बच्चा स्वस्थ थे।

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