लिवर ट्रांसप्लांट के बारे में, ये बात सबको पता होनी चाहिए।

लिवर ट्रांसप्लांट के बारे में, ये बात सबको पता होनी चाहिए।
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Ashish Urmaliya ||Pratinidhi Manthan

मदिरासेवन करते हैं आप? अगर करते हैं तो आपके साथ भी लिवर ट्रांप्लांट जैसी स्थिति पैदाहो सकती है। लेकिन हम सिर्फ ऐसा नहीं कहा जा सकता, कि  शराब ही लिवर खराब होने की एकमात्र वजह है। लिवरखराब होने की और भी कई अन्य वजहें हो सकती हैं, जैसे- सुबह नाश्ता न करना, बिना डॉक्टरकी सलाह के दवाइयों का उपयोग करना, बहुत ही अधिक मात्रा में प्रोटीन लेना। लेकिन धूम्रपानऔर शराब लिवर डैमेज होने की सबसे बड़ी वजहें हैं। जब लिवर उस हद तक डैमेज हो जाए, किव्यक्ति के ऊपर जान का खतरा मंडराने लगे ऐसी स्थिति में हमें लीवर ट्रांसप्लांट करवानेकी जरूरत पड़ती है। तो आइये इसके बारे में जानते हैं।

–आमतौर पर लिवर ट्रांसप्लांट के लिए ऐसे व्यक्ति का लिवर लिया जाता है जो अपने जीतेजी लिवर डोनेट कर चुका हो। इसके अलावा लिवर ट्रांप्लांट के लिए दो अन्य स्थितियां बनतीहैं-

1.  कई बार ऐसा होता है कि मृतक के परिजन उसके अंगोंको डोनेट कर देते हैं ताकि किसी जरूरतमंद की जिंदगी बच सके।

2.लिवर ट्रांसप्लांट के लिए बहुत ही एडवांस तकनीक भी आ चुकी है- अब जीवित रहते हुए भीकोई डोनर अपने लिवर का कुछ हिस्सा किसी जरूरतमंद को डोनेट कर सकता है और उसकी जान बचासकता है। 

जीवित रहते हुए अपना लिवर डोनेटकरने की प्रक्रिया को 'लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांट' कहते हैं।

आजदुनियाभर में बड़ी संख्या में लोग लिवर ट्रांसप्लांट कराने के लिए कतार में हैं, पहलेके वक्त में जरूरतमंदों की संख्या बहुत ज्यादा जबकि डोनर्स की संख्या बहुत कम होतीथी, लेकिन अब लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांट की यह नई तकनीक आने के बाद, जरूरतमंदोंकी कतार कम होती जा रही है।

–  विशेषज्ञों के अनुसार, लिवर, शरीर के भीतर का एकमात्रऐसा ऑर्गन है जो खुद को रीजनरेट कर लेता है। लीवर की यही खूबी लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांटतकनीक को संभव व सफल बनाती है।

–  इसके साथ ही जो व्यक्ति इस प्रक्रिया के तहत अपनेलिवर का कुछ हिस्सा किसी दूसरे व्यक्ति को डोनेट करता है, उसका लिवर मात्र 2 महीनेमें नेचुरल साइज़ में वापस आ जाता है।

–इतना ही नहीं लिवर का ये कुछ हिस्सा जिस भी व्यक्ति के शरीर में ट्रांस्पलेंट कियाजाता है। उसके शरीर में भी लिवर का यह हिस्सा धीरे-धीरे ग्रो करने लगता है और कुछ वक्तबाद सामान्य लिवर की तरह काम करने लगता है।

–हालांकि इस प्रक्रिया के बाद, पीड़ित रहे व्यक्ति के सामने कुछ चिकित्सा संबंधी दिक्कतेंपैदा हो सकती हैं, जो आमतौर पर उन लोगों में नहीं देखी जातीं जो किसी मृत डोनर का लिवरट्रांसप्लांट कराते हैं।

–लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांट की सबसे बड़ी खूबी यह है, कि इसमें लोग मृत व्यक्ति केलिवर ट्रांसप्लांट की तुलना में अधिक समय तक सर्वाइव कर पाते हैं।

–लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया सबसे ज्यादा बच्चों के लिए अपनाई जातीहै हालांकि एक एडल्ट व्यक्ति के लिवर का हिस्सा दूसरे एडल्ट व्यक्ति के शरीर में भीट्रांसप्लांट किया जा सकता है।

नोट- लिवर ट्रांसप्लांट जैसी स्थिति से बचने और अपने लीवर को हमेशा सुरक्षित रखने के लिए आप- आंवला, मुलैठी और हल्दी का उपयोग भरपूर मात्रा में करें। 

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