MovieRulez2 वेबसाइट पर फिर मचा बवाल: 2025 की नई तेलुगू फिल्मों की लीक से फिल्म इंडस्ट्री में हड़कंप

MovieRulez2: पाइरेसी का अड्‌डा या डिजिटल अपराध का नया चेहरा
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MovieRulez2: पाइरेसी का अड्‌डा या डिजिटल अपराध का नया चेहरा?

तेलुगू और कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री एक बार फिर MovieRulez2.com नाम की पायरेटेड वेबसाइट के कारण चर्चा में है। 2025 में जैसे ही नई-नई फिल्में सिनेमाघरों में रिलीज हो रही हैं, वैसे ही कुछ घंटों के भीतर ये फिल्में इस वेबसाइट पर फ्री डाउनलोड और ऑनलाइन स्ट्रीमिंग के लिए अवैध रूप से अपलोड की जा रही हैं।

‘दाकू महाराज’ (Daaku Maharaaj) जैसी बहुप्रतीक्षित फिल्मों को रिलीज़ के 24 घंटे के अंदर ही MovieRulez2 और इसके क्लोन डोमेन जैसे ibomma पर लीक कर दिया गया। इससे निर्माताओं को भारी आर्थिक नुकसान और कलाकारों को मानसिक आघात झेलना पड़ रहा है।

कोर्ट का हस्तक्षेप: लेकिन क्या काबू पाया जा सका है?

तेलंगाना हाईकोर्ट और साइबर क्राइम यूनिट्स ने MovieRulez2 जैसी वेबसाइटों पर बैन लगाने और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को ब्लॉक करने के आदेश दिए हैं। लेकिन तकनीक की चालाकी और VPN जैसी सुविधाओं के चलते ये वेबसाइट्स एक डोमेन बंद होते ही दूसरे डोमेन के ज़रिए सक्रिय हो जाती हैं — जैसे:

  • movie-rulez2.in

  • movierulez2-com.xyz

  • moviezrulez2telugu2025.net

हैदराबाद पुलिस के एक अधिकारी ने बताया,
"हम रोज़ाना ऐसे डोमेन ट्रैक करते हैं, लेकिन जब तक कानूनी दायरे में इनका रजिस्ट्रेशन ब्लॉक नहीं किया जाता, तब तक ये पाइरेसी साइट्स एक्टिव रहती हैं।"

फिल्म इंडस्ट्री को कितना नुकसान?

2024 में दक्षिण भारत की फिल्म इंडस्ट्री को पायरेसी के कारण लगभग ₹500 करोड़ का नुकसान हुआ। 2025 की पहली तिमाही में ही यह आंकड़ा ₹150 करोड़ के पार हो चुका है।

प्रोड्यूसर गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्य और फिल्म निर्माता शिवनारायण रेड्डी कहते हैं:
"हम करोड़ों रुपये निवेश करते हैं, सैकड़ों लोगों की रोज़ी-रोटी एक फिल्म पर टिकी होती है, और एक वेबसाइट उसे कुछ ही क्लिक में लूट लेती है।"

‘Daaku Maharaaj’, ‘Pushpa 2’, ‘Guntur Kaaram’ जैसी फिल्मों की लीकिंग के कारण सिनेमाघरों में दर्शकों की संख्या पर सीधा असर पड़ा है।

युवाओं का पाइरेसी की ओर झुकाव: मुफ्त की आदत या नैतिक गिरावट?

Pratinidhi Manthan ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कुछ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में युवाओं से बात की।

  • 20 वर्षीय कॉलेज छात्र अरविंद रेड्डी का कहना है: “जब सबकुछ मोबाइल पर फ्री में मिल जाता है, तो थिएटर जाने की जरूरत क्या है?”

  • वहीं फिल्मी शौकीन नीलिमा कहती हैं: “हमें समझाना चाहिए कि ऐसा करना कलाकारों और क्रू के प्रति अन्याय है।”

यह साफ है कि पाइरेसी सिर्फ तकनीकी या कानूनी मुद्दा नहीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक चुनौती भी बन चुकी है।

Best Telugu Movies 2025 और पाइरेसी का खतरा

2025 में रिलीज हुई कुछ प्रमुख तेलुगू फिल्मों पर सबसे पहले MovieRulez2 जैसी वेबसाइटों ने वार किया:

  • Daaku Maharaaj

  • Yatra 2

  • Tillu Square

  • Pushpa: The Rule (Part 2)

  • Eagle

इन फिल्मों को लीक करके न सिर्फ फिल्ममेकर्स को आर्थिक झटका दिया गया, बल्कि थिएटर के बिजनेस मॉडल को भी कमजोर किया गया।

निष्कर्ष: समाधान क्या है?

सरकार, पुलिस, और साइबर विशेषज्ञों को मिलकर एक कड़ाई से लागू होने वाला डिजिटल कानून बनाना होगा, जो न केवल वेबसाइट्स को ब्लॉक करे, बल्कि कंटेंट अपलोड करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई करे।

इसके साथ ही ज़रूरत है सामाजिक जागरूकता की — कि पाइरेसी को बढ़ावा देना मतलब भारतीय सिनेमा की रीढ़ तोड़ना है।

हम सबकी जिम्मेदारी है — 'Download' से पहले 'सोचना'।

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