इलेक्ट्रिक वाहनों का उद्योग बढ़ाने में ई-रिक्शा की महत्वपूर्ण भूमिका !  

इलेक्ट्रिक वाहनों का उद्योग बढ़ाने में ई-रिक्शा की महत्वपूर्ण भूमिका !

Ashish Urmaliya | The CEO Magazine

पिछले कुछ वर्षों से भारत के कई छोटे-बड़े शहरों में ई-रिक्शा का प्रचलन बढ़ा है। जिससे गरीब तबके के (रिक्शा चलाकर अपना जीवन यापन करने वाले) लोगों की आय में काफी वृद्धि हुई है। हालही में ई-रिक्शा को लेकर डेलॉय द्वारा एक खास रिपोर्ट जारी की गई है. जिसमें कहा गया है कि, देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को गति देने के लिए ई- रिक्शा काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

डेलॉय की रिपोर्ट जिसका टाइटल 'रिचार्जिग इंडियाज इलेक्ट्रिक व्हीकल एंबीशन बाई इलेक्टिफाइंग पब्लिक ट्रांसपोर्ट' है, में कहा गया है कि, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की सफलता में सरकार का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लेकिन इस शुरूआती दौर में वह इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर हर तरह का जोखिम नहीं उठा सकती। डेलॉय ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा है कि, वह नीतियों का प्रारूप बनाये और लोगों को ई-रिक्शा लेने के लिए सब्सिडी जैसी सुविधा प्रदान करे, क्योंकि भारतीय यातायात के दृष्टिकोण से इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स या ई-रिक्शा का काफी महत्व है।

रिपोर्ट के मुताबिक, बड़े शहरों में व उनके मुख्य मार्गों में परिवहन की अच्छी सुविधा उपलब्ध होती है। जबकि मुख्य मार्गों से अलग, कम महत्व वाले क्षेत्रों व गली-मोहल्लों में परिवहन की सुविधा उतनी अच्छी नहीं होती। लोगों को आवागमन में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इन क्षेत्रों में ई-रिक्शा जैसी सार्वजनिक सेवा उपलब्ध कराकर एक बेहतर समाधान प्रस्तुत किया जा सकता है। यह कदम रोजगार का एक बेहतर विकल्प बनने के साथ-साथ प्रदुषण स्तर में भी काफी कमी लाएगा। लागत कम होने के चलते, देश में ई-वाहनों के प्रचलन को बढ़ाने में ई-रिक्शा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

डेलॉय की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, ई-रिक्शा शहर के अंदर गलियों, सोसाइटीज से मुख्य मार्ग तक आने वाले लोगों को एक बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान  करेगा। जिससे ट्रैफिक की समस्या में भी काफी कमी आएगी। क्योंकि, यातायात साधन ना होने की वजह से शहर के अंदर या दूरदराज इलाकों में रह रहे लोगों को मजबूरन खुद के वाहन का इस्तेमाल करना होता है। साथही ग्रामीण क्षेत्रों में ई रिक्शा कनेक्टिविटी बढ़ाने से लोगों के आवागमन की समस्याओं में कमी आएगी, समय की बचत होगी। जिससे देश की प्रगति होगी। हालांकि, देश में ई-रिक्शा को सफल बनाने के लिए सरकार को, वाहन व बैटरी निर्माताओं, निजी ऑपरेटरों जैसे सभी पक्षों के साथ तालमेल बिठाना होगा। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को समग्र रूप से गति प्रदान करने के लिए सरकार को बैटरी की लागत में कमी लानी होगी व चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ानी होगी।

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