क्या नाईट कर्फ्यू से कोरोना फैलना कम हो जाता है? आपके मन में उठे हर सवाल का जवाब!

क्या नाईट कर्फ्यू से कोरोना फैलना कम हो जाता है? आपके मन में उठे हर सवाल का जवाब!

महाराष्ट्र, दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में नाईट कर्फ्यू लगा दिया गया है। और जिन राज्यों में अब तक नहीं लगा है वो लगने की कगार पर हैं। यह पहला मौका नहीं है जब नाईट कर्फ्यू का इस्तेमाल किया जा रहा है। देश में कोरोना की शुरुआत से ही नाईट कर्फ्यू लगना शुरू हो गया था और तभी से नाईट कर्फ्यू लगातार सुर्ख़ियों में बना हुआ है। लेकिन देखा गया है कि कई लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर रात में कर्फ्यू लगाने का क्या औचित्य है? तो हम आपको बता दें कि रात को लगाए जाने वाले कर्फ्यू से कोरोना जैसी गंभीर खतरनाक बीमारी से पूरा तो नहीं, लेकिन बहुत हद तक एक बहुत बड़ी आबादी को संक्रमित होने से बचाया जा सकता है। आइए इस आर्टिकल के जरिए हम आपको समझाने की कोशिश करते हैं कि नाईट कर्फ्यू कितना कारगर होता है...

लोगों की नाईट लाइफ पर पूरी तरह से अंकुश लग जाता है-

नाईट लाइफ पहले बड़े-बड़े महानगरों तक ही सीमित हुआ करती थी लेकिन अब छोटे छोटे जिलों, शहरों, कस्बों में तक इसका प्रचलन बहुत तेज़ हो गया है।लोग देर रात को बड़े होटलों, बार, पब और ढाबों आदि पर नाईट लाइफ का लुत्फ़ उठाने जाते हैं, चिल करने जाते हैं. इसी के चलते देश भर में करोड़ों की तादाद में लोग बाहर निकलते हैं, छोटे जिलों से लेकर शहरों और राजधानियों से लेकर मेट्रो सिटीज में रत के वक्त बड़ी भीड़ इकट्ठी होती है। इसलिए नाईट कर्फ्यू लगाया जाता है ताकि इस भीड़ को बाहर निकलने से रोका जा सके। इसके साथ ही नाईट कर्फ्यू की वजह से सारे कार्यक्रम और आयोजन रद्द हो जाते हैं। इसलिए यह कर्फ्यू कोरोना वायरस जैसी गंभीर बीमारी के संक्रमण को फैलने से काफी हद तक रोकता है। इस लिहाज से मौजूदा वक्त में नाइट लाइफ पर अंकुश लगाने वाला नाईट कर्फ्यू बेहद कारगर है।

रात में कभी रेलवे स्टेशन या किसी बस अड्डे पर गए हैं?

केंद्रीय राजधानी के लेकर हर एक राज्य की राजधानी, जिलों, तहसीलों और कस्बों में आजकल बहुत से ऐसे ठिकाने होते हैं जहां पर पूरी रात गुलजार होती है।

अनुमान के हिसाब से ऐसी जगहों पर देश के कौने-कौने में अलग-अलग जगहों पर करोड़ों लोग इकट्ठे होते हैं और फिर ऐसी जगहें कोरोना सप्लाई करने वाली हब बन जाती हैं। इन जगहों में रेलवे स्टेशन, बस अड्डों से लेकर नाईट फूड स्ट्रीट समेत तमाम सार्वजनिक जगहें शामिल हैं जहां रात में भीड़ इकट्ठी होती है। जब नाईट कर्फ्यू के आदेश जारी हो जाते हैं तो संबंधित अधिकारी को चाहते, ना चाहते हुए भी यह सुनिश्चित करना होता है कि इन जगहों पर कोई भी आदमी ना पहुंचे और ना ही किसी तरह की भीड़ इकट्ठा हो।

पुलिस की पैनी नज़र रहती है-

देश के एक सामान्य, सादगी पसंद इंसान की नजरों से देखा जाए तो उसका यह सवाल बिलकुल लाजिमी है कि आखिर रात का कर्फ्यू क्यों लगाया जाता है? दरअसल देश की एक बहुत बड़ी आबादी का हिस्सा सामान्य जीवन व्यतीत करता है जैसे सुबह उठकर दिन भर का काम करना और शाम होने के बाद रात को अपने घर में चैन की नींद सो जाना। लेकिन दूसरी तरफ देश की आबादी का एक बड़ा तबका ऐसा भी है जो रात को जागता है, चिल, एन्जॉय के नाम पर घूमता है, तमाम तरह की व्यापारिक गतिविधियों में शामिल होता है और भीड़ इकट्ठी करता है। नाईट कर्फ्यू के दौरान इस तरीके की सभी गतिविधियों पर पूरी तरह से अंकुश लग जाता है। पुलिस से लेकर प्रशासन, अन्य जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी एक्टिव हो जाते हैं और रात में होने वाली सभी तरह की गतिविधियों पर अपनी नजर रखते हैं।

नाइट कर्फ्यू में गैर ज़रूरी वाहनों पर रोक-

आपने मुंबई, दिल्ली या किसी बड़े महानगर की सड़कों पर देखा होगा, कैसे रात के वक्त बहुत सारी गाड़ियां फर्राटे भरते हुए नज़र आती हैं। मेरा बस चलता तो लिखते-लिखते आपको पूरा फील दिलाने के लिए वो ज़ुईन्न वाला ऑडिओ इफ़ेक्ट भी यहीं ऐड कर देता। ख़ैर, बेकाम के वाहनों का नाइट कर्फ्यू के दौरान सड़कों पर निकलना पूरी तरीके से प्रतिबंधित कर दिया जाता है। केवल और केवल आपातकाल व ज़रूरी सेवाएं देने वाले वाहनों को ही अनुमति मिलती है, रात को नाइट आउट की अनुमति नहीं दी जाती है। नाइट कर्फ्यू का सीधा सिंपल कॉन्सेप्ट यह है कि रात के वक्त लोगों को जो जहां है उसे वहीं पर रोक दिया जाए यानी उसे मौजूदा जगह से बाहर निकलने की अनुमति न दी जाए ताकि रात के वक्त किसी भी घटना या किसी गंभीर बीमारी को फैलने से रोका जा सके।

अवैध कारोबार पर भी लगती है रोक-

जैसा कि अक्सर देखा जाता है जितना भी गैरकानूनी, अवैध कारोबार होता है उसे रात के वक्त ही अंजाम दिया जाता है, नाईट कर्फ्यू के चलते इन कामों पर भी पूर्णतः रोक लग जाती है।

दिल्ली पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार के अनुसार, आमतौर पर नाईट कर्फ्यू तब लगाया जाता था जब किसी घटना या किसी विवाद को रोकने की स्थिति पैदा हो। उन्होंने बताया, जिन जगहों पर नाईट कर्फ्यू लगाया जाता है वहां पर रात्रि गतिविधियों को पूर्णतः रोकने के इंतजामात भी किए जाते हैं। इस फैसले के बाद से ही पुलिस और प्रशासन महकमा अलर्ट पर होता है ताकि नाइट कर्फ्यू का कहीं भी कोई उल्लंघन ना हो सके। यह नाईट कर्फ्यू दिन में लगाए जाने वाले कर्फ्यू की तरह ही होता है।

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