आपके लिए लाखों कमाने का बड़ा मौका, 3 सालों में लगेंगे 1000 LNG स्टेशन

आपके लिए लाखों कमाने का बड़ा मौका, 3 सालों में लगेंगे 1000 LNG स्टेशन

Ashish Urmaliya || Pratinidhi Manthan

आने वाले 3 वर्षों में सरकार 10,000 करोड़ रुपए का निवेश कर देशभर में 1,000 LNG स्टेशन लगाने की तैयारी में है। खास बात यह है कि इन स्टेशन को कोई भी व्‍यक्ति या कंपनी किसी भी जगह शुरू कर सकता है। तो आइए जान लेते हैं इसको लेकर सर्कार के नियम क्या हैं और इसको लगाने की पूरी प्रक्रिया क्या है… 

राजमार्गों पर हर 200-300 km में होगा एक LNG स्टेशन-

सरकार की योजना अनुसार पहले 1 साल में 50 LNG Stations गोल्डन क्वाडिलैटरल राजमार्गों पर लगाए जाएंगे। बता दें, गोल्डन क्वाडिलैटरल राजमार्ग चार महानगरों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता को जोड़ते हैं। आआगामी समय में गोल्डन क्वार्डिलैटरल के साथ ही प्रमुख राजमार्गों पर भी हर 200-300 km पर एक LNG स्टेशन बनाने का प्रयोजन है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पेट्रोल और डीजल के मुकाबले LNG 30 से 40 फीसदी तक सस्ता होता है, इसलिए परिवहन व अन्य क्षेत्रों में इसके उपयोग से लॉजिस्टिक्स की लागत घटेगी और इससे महंगाई को भी कम रखने में भारी मदद मिलेगी। अर्थव्यवस्था को रफ़्तार दने के उद्देश्य से सरकार इस योजना पर जोरों से काम कर रही है।

भारत का कोई भी नागरिक LNG Station लगाने का पात्र होगा-

Petroleum and Natural Gas Regulatory Board (पीएनजीआरबी) ने हाल ही एक नोटिस जारी कर जानकारी दी है कि कोई भी कंपनी या एंटिटी Liquefied natural gas (LNG) स्टेशन खोल सकती है। इस स्टेशन को खोलने के लिए किसी भी प्रकार के सिटी गैस वितरण लाइसेंस या अन्य लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी। Petroleum and Natural Gas Regulatory Board Act में सिर्फ अधिकृत कंपनी को ही एलएनजी स्टेशन शुरू करने की मंजूरी देने का कोई प्रावधान नहीं है, इसे कोई भी सामान्य नागरिक शुरू कर सकता है. PNGRB ने कहा है कि इस अधिनियम के मुताबिक, कोई भी व्‍यक्ति या कंपनी किसी भी जगह LNG स्टेशन शुरू कर सकता है।

CNG के मुकालबे LNG भरने में कम समय लगता है-

LNG को भरने में CNG के मुकाबले काफी कम वक्त लगता है। सबसे बड़ी खासियत तो यह है कि LNG काफी अच्‍छा माइलेज भी देती है। एक अनुमान के मुताबिक, अगर ट्रक की टंकी को एक बार फुल भर दिया जाए तो उससे तकरीबन 900 किमी तक की यात्रा की जा सकती है। ऐसे में भारी वाहनों कि लिए LNG पेट्रोल और डीजल के मुकाबले काफी सस्‍ती भी पड़ती है। हालांकि, सीएनजी के उलट एलएनजी को स्‍टोर करने के लिए Cryogenic storage tank की जरूरत होती है. जब LNG स्टेशन खेलेंगे तब आपको ऐसे एक टैंक को इनस्टॉल भी करवाना होगा। 

पहले साल 50 में से 20 LNG स्टेशंस Indian Oil Corporation (IOC) लगाएगी-

शुरूआती 50 स्टेशनों में से सर्वाधिक 20 LNG स्टेशंस इंडियन आयल कारपोरेशन(IOC) लगाएगी। इसके अलावा हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) 11 और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड(BPCL) भी 11 स्टेशंस लगाएगी। इसके साथ ही गैस बेचने वाली कंपनी गेल(GAIL) 6 आउटलेट लगाएगी और Petronet LNG Ltd बाकी बचे हुए 2 आउटलेट लगाएगी। इसके बाद का जो लॉट आएगा वो आम नागरिकों वाला होगा।

किन-किन राज्यों में लगेगंगे शुरुआती आउटलेट्स?

शुरूआती 50 आउटलेट्स में से सबसे ज्यादा यानि 10 आउटलेट्स गुजरात राज्य में लगेंगे, यह राज्य देश की कुल LNG आयात क्षमता में करीब दो-तिहाई योगदान करता है। तमिलनाडु और महाराष्ट्र्र दोनों राज्यों में 8-8 LNG Stations लगेंगे। इन दोनों राज्यों में भी LNG टर्मिनल्स मौजूद हैं। आंध्र प्रदेश(AP) में 6, कर्नाटक में 5, राजस्थान और केरल में 3, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में 2, हरियाणा, ओडिशा और मध्य प्रदेश में 1 LNG आउटलेट लगेंगे।

इस ख़ास गैस LNG का उपयोग रेल लोकोमोटिव और माइनिंग उपकरणों को चलाने के लिए भी होने की प्रबल संभावनाएं हैं

फिलहाल हमारे देश में वाहनों को चलाने के लिए ईंधन के रूप में डीजल, पेट्र्रोल, CNG और ऑटो-LPG का ही उपयोग हो रहा है। LNG हमारे देश के लिए एकदम नई ईंधन होगी, जिसे पेट्र्रोल पंप की तरह ही दिखने वाले आउटलेट के जरिये वाहनों में भरा जाएगा। सिर्फ ट्रक, JCB, डंपर और लांग-हॉल बस में ही नहीं, बल्कि इस लिक्विफाइड नेचुरल गैस का उपयोग बंकर फ्यूल के तौर पर माइनिंग उपकरणों और रेल स्वचालित यंत्रों को चलाने के लिए भी किया जा सकता है।

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