जानिये बिज़नेस फ्लीट के लिए कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस क्यों है ज़रूरी

जानिये बिज़नेस फ्लीट के लिए कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस क्यों है ज़रूरी
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अगर आप बिज़नेस के लिए कमर्शियल व्हीकल का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसका सही इंश्योरेंस होना बेहद जरूरी है। यह न सिर्फ दुर्घटना, चोरी और प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा देता है, बल्कि लीगल खर्चों और बिजनेस जोखिमों को भी कवर करता है।

सही कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस आपकी गाड़ी और बिजनेस, दोनों को सुरक्षित रखने में मदद करता है।तो चलिए जानते हैं कि आप अपने फ्लीट के लिए सही कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस कैसे चुन सकते हैं।

क्या है कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस और ये क्यों है ज़रूरी?

कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस बिजनेस के लिए इस्तेमाल होने वाली गाड़ियों को कवर करता है। यह दुर्घटना, चोरी, प्राकृतिक आपदा और लीगल खर्चों सहित बिजनेस जोखिमों को सुरक्षा देता है। इसमें ट्रक, बस, कैब, डिलीवरी वैन और ऑटो रिक्शा जैसी गाड़ियां शामिल होती हैं।

कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस जरूरी क्यों है यह जान लेते हैं।

  • क़ानूनी  अनिवार्यता - भारत में मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत कमर्शियल वाहनों के लिए थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस लेना ज़रूरी  है और ऐसा ना करने पर क़ानूनी  कारवाई का भी सामना करना पड़ सकता है।

  • फाइनेंशियल सिक्योरिटी - किसी एक्सीडेंट, चोरी या अन्य कारणों की वजह से गाड़ी को नुकसान पहुँचने जैसी स्थिति में कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस आपके सारे खर्चे उठा सकता है।

  • थर्ड-पार्टी लायबिलिटी - अगर आपके कमर्शियल वाहन से किसी दूसरे शख्स या गाड़ी को नुकसान पहुँचता है तो, ऐसी स्थिति में भी इंश्योरेंस आपकी जिम्मेदारी को कम करता है।

  • ड्राइवर और कार्गो प्रोटेक्शन - सही कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस आपके वाहन के साथ ही आपके ड्राइवर और लॉजिस्टिक के सामान को भी कवर करता है।

कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस में आने वाले विभिन्न तरह के कवरेज:

  • थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस : अगर आपके कमर्शियल व्हीकल से किसी तीसरे पक्ष को कोई नुकसान पहुंचता है, तो ये इंश्योरेंस उसको कवर कर लेता है।

  • ओन डैमेज कवरेज : कमर्शियल व्हीकल को किसी एक्सीडेंट, चोरी, नेचुरल डिजास्टर या तोड़फोड़ की स्थिति में हुए नुकसान को ये पॉलिसी कवर करती है।

  • कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस : ये इंश्योरेंस थर्ड-पार्टी और ओन डैमेज दोनों को कवर करता है।

  • पैसेंजर कवर : अगर आपका कमर्शियल व्हीकल पब्लिक ट्रांसपोर्ट का काम करता है, तो ऐसी स्थिति में ये पॉलिसी यात्रियों को हुए किसी नुकसान की भी भरपाई करता है।

  • ड्राइवर पर्सनल एक्सीडेंट कवर : ये आपके फ्लीट या किसी कमर्शियल व्हीकल के लिए काम करने वाले ड्राइवर को किसी दुर्घटना में चोट लगने या उनकी मौत होने पर मुआवजा देता है।

  • रोडसाइड असिस्टेंस : ये इंश्योरेंस ब्रेकडाउन, टोविंग या अन्य इमरजेंसी की स्थिति में सहायता करते हैं।

इंश्योरेंस प्रीमियम इन बातों से होता है प्रभावित 

  • व्हीकल का टाइप और मॉडल : आपका इंश्योरेंस प्रीमियम सबसे ज्यादा इस बात पर डिपेंड करता है कि आप किस तरह के व्हीकल के लिए इंश्योरेंस ले रहे हैं। जैसे बड़े ट्रकों और भारी वाहनों का प्रीमियम अधिक होता है, तो वहीं छोटे कैब का कम होता है।

  • इस्तेमाल की फ्रीक्वेंसी : अगर आपकी गाड़ी का उपयोग ज्यादा होता है, तो उनके ऊपर ख़तरा भी बढ़ता है और इससे आपका प्रीमियम भी बढ़ सकता है।

  • लोकेशन और रूट : अगर आप ज़्यादा खतरे वाले क्षेत्र में अपनी गाड़ी चलाते हैं, तो ऐसी गाड़ियों का भी इंश्योरेंस प्रीमियम ज्यादा होता है।

  • ऐड-ऑन कवरेज : अगर आप अपनी गाड़ी के लिए ज्यादा से ज्यादा सुरक्षा चाहते हैं, तो ऐसी स्थिति में भी आपका प्रीमियम बढ़ जाता है।

बिजनेस फ्लीट्स: किन क़ानूनी  शर्तों का पालन ज़रूरी  है

बिजनेस फ्लीट्स के लिए इंश्योरेंस से जुड़े कई क़ानूनी  नियम होते हैं, जिनका पालन करना ज़रूरी  होता है।

  • थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस : बिना इस इंश्योरेंस के गाड़ी चलाना अवैध है और आपको क़ानूनी  कारवाई का सामना करना पड़ेगा।

  • फिटनेस सर्टिफिकेट : कमर्शियल वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट बेहद ज़रूरी  होता है।

  • परमिट और टैक्स : नेशनल और इंटरनेशनल रूट्स पर चलने वाले व्हीकल के लिए विशेष परमिट लेना ज़रूरी  होता है और साथ ही हर तरह के टैक्स से जुड़े सही कागजात भी आपके पास होने चाहिए। तभी इन रूट्स पर एक्सीडेंट की स्थिति में आपका क्लेम अप्रूव्र होगा।

  • ड्राइवर का लाइसेंस और डॉक्यूमेंट्स : सभी ड्राइवरों के पास सही लाइसेंस और आरटीओ द्वारा वेरीफाई किये हुए सारे डाक्यूमेंट्स होने चाहिए।

  • सेफ्टी स्टैंडर्ड्स : सीट बेल्ट, फायर एक्सटिंग्विशर और अन्य सेफ्टी स्टैंडर्ड का अगर आप पालन नहीं करते हैं, तो इससे भी आपको क्लेम सेटेलमेंट में दिक्कत आ सकती है।

अपने फ्लीट कर लिए कैसे करें सही पॉलिसी का चयन 

  • अपने बिजनेस की जरूरतों को समझें : अगर आप लॉजिस्टिक के बिजनेस में हैं, तो आपको अपने व्हीकल के साथ सामान का भी इंश्योरेंस लेना चाहिए। अगर आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे बस या कैब के बिजनेस में हैं, तो आपको अपने पैसेंजर से जुड़ा कवरेज भी लेना चाहिए। इसलिए ये ज़रूरी  है कि आप अपने बिजनेस की जरूरतों को समझकर सही पॉलिसी का चयन करें।

  • कवरेज टाइप चुनें : आप अपने व्हीकल और बिजनेस की जरूरत के हिसाब से ही सही कवरेज वाली पॉलिसी चुनें।

  • क्लेम प्रोसेस और सर्विस नेटवर्क देखें : इंश्योरेंस कंपनी की क्लेम सेटलमेंट रेटिंग और सर्विस नेटवर्क देखना भी बेहद महत्वपूर्ण होता है।

  • बजट और प्रीमियम की तुलना करें : विभिन्न इंश्योरेंस कंपनियों की पॉलिसी की तुलना करके अपने बजट के हिसाब से सही विकल्प चुनें।

कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस में पैसे बचाने के आसान टिप्स  

  • अपनी जरूरतों को समझें : कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस में पैसे बचाने के लिए आपको सबसे पहले ये समझना होगा कि आपका व्हीकल कैसे इस्तेमाल किया जाता है और उसे किन खतरों के सामना करना पड़ता है। ऐसा करके आप अपने लिए एक सटीक पॉलिसी चुन सकते हैं और अपने पैसे भी बचा सकते हैं।

  • नो क्लेम बोनस (NCB) का फायदा उठाएं : बिना किसी क्लेम के इंश्योरेंस रिन्यू कराने पर भी आपको छूट मिल सकती है।

  • हाई डिडक्टिबल चुनें : प्रीमियम कम करने के लिए आप डिडक्टिबल को भी बढ़ा सकते हैं।

  • फ्लीट इंश्योरेंस चुनें : यदि आपके पास एक से अधिक कमर्शियल गाड़िया हैं, तो फ्लीट पॉलिसी लेना आपके पैसे बचा सकता है।

  • सही कंपनी का चयन है ज़रूरी  : अगर आप सही इंश्योरेंस कंपनी नहीं चुनते हैं, तो इंश्योरेंस होने के बाद भी आपको क्लेम करने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए आप कई कंपनियों के बीच तुलना करने ही सही और किफायती पॉलिसी का चयन करें।

बिजनेस ओनर्स कैसे कर सकते हैं क्लेम फाइल 

अगर आपकी गाड़ी को किसी भी तरह के एक्सीडेंट या नुकसान का सामना करना पड़ा है, तो अपनी इंश्योरेंस कंपनी को इसकी तुरंत जानकारी दें।

फोटो, वीडियो और अन्य जरूरी प्रूफ इकट्ठा करें। चोरी या बड़े एक्सीडेंट की स्थिति में तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं।

एक्सीडेंट स्पॉट पर ये सारे काम करने के बाद आपको रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और इंश्योरेंस पॉलिसी जैसे जरूरी  दस्तावेज जमा करने होंगे। 

आपको इंश्योरेंस कंपनी के आदमी से अपने व्हीकल का रिपोर्ट बनवाना होगा। इसके बाद क्लेम अप्रूवल होने पर आपकी पॉलिसी के अनुसार सारे खर्च कंपनी द्वारा कवर किया जाता है।

निष्कर्ष 

कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस किसी भी बिज़नेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और ये आपको गाड़ी के साथ ही आपके ड्राइवर्स और आपकी कम्पनी की भी फाइनेंशियल सिक्योरिटी देता है। ये क़ानूनी तौर पर जितना ज़रूरी  है, उतना ही आपका फर्ज़ भी बनता है कि आप अपने साथ साथ अपने लोगों और गाड़ियों की सुरक्षा करें।

सही व्हीकल इंश्योरेंस पॉलिसी को चुनकर ना सिर्फ आप अपने फ्लीट को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि किसी तरह के रिस्क से बचने के साथ ही दिमागी तौर पर भी टेंशन फ्री रह सकते हैं।

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