शायरी चहल, जो बनी 25 लाख भारतीय औरतों की मसीहा और प्रसिद्द व्यवसायी!

शायरी चहल, जो बनी 25 लाख भारतीय औरतों की मसीहा और प्रसिद्द व्यवसायी!
शायरी चहल, जो बनी 25 लाख भारतीय औरतों की मसीहा और प्रसिद्द व्यवसायी!

शायरी चहल, जो बनी 25 लाख भारतीय औरतों की मसीहा और प्रसिद्द व्यवसायी!

Ashish Urmaliya | The CEO Magazine

अब भारत वह पुराना भारत नहीं रहा जहां महिलाओं को कई तरह की बंदिशों में रखा जाता था, धीरे ही सही लेकिन भारत की तस्वीर बदल रही है। आज की महिलाएं जीवन के विभिन्न पहलुओं में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं और सफलताओं की नई कहानियां लिख रही हैं। एक ग्रहणी से सीईओ बनने का सफर हो या एक लड़ाकू विमान की पायलट, महिलाएं हर क्षेत्र में बड़ी सरलता व स्पष्टता से कार्य पूरा करके नए उदाहरण स्थापित कर रही हैं। 'शायरी चहल' भी उन बदलाव लाने वाली महिलाओं की सूची का एक जाना पहचाना नाम है.

शायरी चहल, 'शेरोस' की संस्थापक व सीईओ हैं. शेरोस, महिलाओं का एक ऐसा समुदाय है जहां व्यवसाय से लेकर वित्त और स्वास्थ्य, लगभग हर विषय पर विचार विमर्श किया जाता है। यह मंच महिलाओं को घर बैठे नौकरियां खोजने में मदद करता है, साथ ही नौकरी मेले, कार्यशालाओं और कई अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करता है। यह महिलाओं को कोचिंग, परामर्श और सामुदायिक संसाधन प्राप्त करने में भी मदद करता है।

जन्म और बचपन उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरपुर में गुजरने के कारण शायरी ने ग्रामीण जीवन को काफी करीब से देखा है। आपको बता दें, शायरी ने 1999 में जेएनयू में पढाई के दौरान एक न्यूज़पेपर की शुरुआत की थी। यह न्यूज़पेपर उन नाविकों को ज़हन में रख के शरू किया गया था जो कई महीनों तक दैनिक विकास से अनभिज्ञ रहते थे |

शायरी ने शेरोस की शुरुआत 2013 में की थी और आज शेरोस समुदाय में भारतीय महिलाओं की संख्या लगभग 25 लाख के करीब पहुँच गई है | आने वाले कुछ सालों में इनका लक्ष्य 1 करोड़ का आंकड़ा पार करने का है. भारत और विदेशों में विभिन्न कॉर्पोरेट घरानो में काम करते वक्त साईरी ने कई समस्याओं का सामना किया था. इसको मद्देनज़र रखते हुए 'शेरोस' को एक ऐसा मंच बनाया है जो महिलाओं को कार्यस्थल में लिंग भेदभाव से लड़ने में मदद करता है। साथ ही यह समाज के सभी वर्गों में हर महिला की मदद करने का दावा करता है।

13 साल की उम्र से लेकर कितनी भी उम्र की महिला 'शेरोस' की सदस्य बन सकती है. शेरोस

से आप वेबसाइट व एप्लीकेशन, दोनों माध्यमों से जुड़ सकते हैं।

'अगर साधारण शब्दों में कहा जाए तो शेरोस महिलाओं का फेसबुक है।' आपको बता दें, चहल ने 'शेरोस' की शुरुआत लगभग 35 लाख रूपए की निजी पूँजी के साथ की थी जिसमे लोन व कुछ मित्रों की सहायता शामिल है। आज यह कंपनी बहुत बड़ा स्वरुप लेकर सफलता की नई इबारत लिख रही है।

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