अब इस बिज़नेस में 25000 करोड़ का निवेश करेगी सरकार, आप भी कमा सकते हैं लाखों!

अब इस बिज़नेस में 25000 करोड़ का निवेश करेगी सरकार, आप भी कमा सकते हैं लाखों!

Ashish Urmaliya || The CEO Magazine

ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं और कोई बिज़नेस शुरू करने का प्लान बना रहे हैं, तो आपके पास बेहतरीन मौका है। क्योंकि मोदी सरकार आपको मतस्य पालन में मदद उपलब्ध कराने की योजना बना चुकी है। इस बिज़नेस के लिए सरकार आपको लोन दिलवाएगी, साथ ही उचित मार्गदर्शन भी उपलब्ध कराएगी। पशुपालन, डेयरी और मतस्य पालन मंत्रालय ने कुछ ऐसी योजनाओं की शुरुआत की है, जो आर्थिक तौर पर पिछड़े और बेरोजगार युवाओं के लिए फायदेमंद साबित होने वाली हैं।

25000 करोड़ खर्च करने की योजना-  केंद्रीय पशुपालन, डेयरी और मतस्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने मछली पालन के क्षेत्र में 25 हजार करोड़ खर्च करने की योजना बनाई है। इसके साथ ही समुद्री क्षेत्र में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने और छोटे मछुआरों के सामने खड़ी परेशानियों को दूर करने की दिशा में भी सरकार काम कर रही है।

भारत मछली पालन उद्योग के लिए सबसे उपयुक्त जगह-

पशुपालन, डेयरी उद्योग पर ध्यान देने के साथ केंद्र सरकार मछली पालन पर विशेष ध्यान दे रही है। इसलिए किसानों और बेरोजगार युवाओं के लिए अपनी आय बढ़ने का इससे अच्छा मौका और क्या हो सकता है। मौजूदा स्थिति में भारत में मछली पालन का व्यापार खूब फलने-फूलने वाला है क्योंकि भारत की 60 प्रतिशत से ज्यादा आबादी मछली पसंद करती है।

मोदी सरकार के आने के बाद मछली पालन का कारोबार खूब फल-फूल रहा रहा है, जानकारों के मुताबिक, फार्मिंग के लिए हमारा देश बेहद उपयुक्त है। हमारे देश में नदी, तालाबों, झीलों, पोखरों की कमी नहीं है साथ ही भारत का करीब आधा हिस्सा समुद्र से सीधे संपर्क में है। इसके अलावा भारत के ग्रामीण इलाकों में जमीन की भी कोई कमी नहीं है। मछली पालन के लिए लोग तालाब, टैंक इत्यादि आसानी से बनवा सकते हैं। और मौजूदा दौर में हम तकनीकी रूप से भी प्रबल हैं जिसके जरिये उद्योग को आगे बढ़ाने में आसानी रहेगी। तकनीक की बात करें, तो अब लोग कृतिम रूप से तालाब व टैंक बना कर मछली का व्यवसाय शुरू कर रहे हैं।

शुरू करने का सोच लिया है, तो लागत भी जान लीजिये-

नेशनल फिशरी डेवलपमेंट बोर्ड ने मछली पालन व्यवसाय से जुडी एक रिपोर्ट तैयार की है जिसके मुताबिक, अगर आप 20,000 किलोग्राम क्षमता वाले टैंक या तालाब का निर्माण करवाते हैं, तो आपके प्रोजेक्ट की लागत लगभग 20 लाख रूपए आएगी। पूंजी लागत करीब 9.70 लाख और परिचालन लागत करीब 10.36 लाख होगी। घबराइए मत, ये सारी रकम आपको नहीं जुटानी है। आपको सिर्फ 4 से 5 लाख रूपए का इंतजाम करना है। बाकी की रकम आपको सरकार द्वारा सब्सिडी के तौर पर दी जाएगी। 8 लाख रूपए केंद्र सरकार देगी और बाकी के 4 लाख राज्य सरकार।  इसके अलावा सरकार आपको 4-5 लाख रूपए का बैंक लोन भी दिलवाएगी। बता दें, मोदी सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर एक स्कीम चला रही है, जिसके अंतर्गत मछली पालन का बिज़नेस करने वाले लोगों को सरकार लगभग 75 फीसदी की आर्थिक मदद देती है।

आमदनी की बात तो सबसे जरूरी है-

 अगर आप RAS(पानी के बहाव को बनाये रखने वाली) तकनीक से मछली उत्पादन करेंगे तो आपको सिर्फ 5 लाख रूपए का इंतजाम करना होगा। इतनी राशि में आप लगभग 20,000 मछलियां पाल सकते हैं. इससे आपकी ग्रॉस इनकम करीब 15 लाख रूपए होगी और नेट इनकम 4.64 लाख हो सकती है।

आरएएस तकनीक को भी समझ लेते हैं-

रिसर्कुलर एक्वाकल्चर सिस्टम (RAS) तकनीक में पानी का बहाव बना रहता है क्योंकि इसमें पानी के आने जाने की व्यवस्था की जाती है। इस तकनीक में कम जगह और कम पानी लगता है। साधारण मछली पालन की बात करें, तो एक एकड़ के तालाब में सिर्फ 15 से 20 हजार ही पंगेशियस मछली पाली जा सकती है इस तालाब में लगभग 60 लाख लीटर पानी होता है। अगर हम इस तालाब में 200 हजार मछलियां डालते हैं, तो एक मछली को 300 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। जबकि आरएएस तकनीक में एक हजार लीटर पानी में 110-120 मछली डाली जा सकती है, मतलब एक मछली को केवल लीटर पानी में पाला जा सकता है।

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