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ये सरकारी योजनाएं आपको बनाएंगी उद्यमी !

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ये सरकारी योजनाएं आपको बनाएंगी उद्यमी !

Ashish Urmaliya | The CEO Magazine

भारतीय सरकार ने हमेशा से ही उद्योग के क्षेत्र को बढ़ावा देने की कोशिश की है. देश में उद्यमियों की तादाद बढ़ती जा रही है, इसका एक मुख्य कारण युवा शक्ति भी है. हमारे देश की कुल आबादी के लगभग 40% लोग युवा हैं, जो लगातार उद्योग व्यापार की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. इसी बात को मद्देनज़र रखते हुए सरकार ने लगभग हर क्षेत्र के स्टार्टअप्स के लिए तमाम योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं का लाभ आप भी ले सकते हैं और उद्यमिता की ओर अपना कदम बढ़ा सकते हैं. आइये जानते हैं इन योजनाओं के बारे में-

1-  प्रधानमंत्री मुद्रा योजनाः केंद्र सरकार ने छोटे उद्यम शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) की शुरुआत की है, इसके अंतर्गत लघु उद्योगों को 10 लाख रुपए तक लोन दिया जाता है जिसकी न्यूनतम ब्याज दर 12% है। वर्ष 2015 में शुरू की गई इस योजना के दो उद्देश्य हैं. पहला, स्वरोजगार के लिए आसानी से लोन देना। दूसरा, छोटे उद्यमों के जरिए रोजगार का सृजन करना। इसके अंतर्गत 3 श्रेणियों में लोन दिए जाते हैं:

शिशुः 50 हजार रुपए तक।

किशोरः 50 हजार रुपए से अधिक और 5 लाख रुपए तक।

तरुणः 5 लाख रुपए से अधिक और 10 लाख रुपए तक।

2-  स्टैंडअप इंडियाः  अप्रैल, 2016 से इस योजना की शुरूआत हुई। इसके अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जाता है कि हर ब्रांच से कम से कम एक अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्ति और एक महिला को बैंक से लोन (10 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ रुपए तक) मिले। यह लोन ग्रीनफील्ड (नए विचार वाला) एंटरप्राइज स्थापित करने के लिए दिया जाता है।

3- डेयरी उद्यमिता विकास योजना: भारत सरकार ने असंगठित क्षेत्र में मूलभूत बदलावों के उद्देश्य के साथ इस योजना को शुरू किया है। कृषि, पशु-पालन और खाद्य पदार्थों के व्यवसाय से जुड़े लोग इसका लाभ उठा सकते हैं। 2010 में कृषि और ग्रामीण विकास के लिए राष्ट्रीय बैंक (नाबार्ड) की अध्यक्षता में इस योजना को शुरू किया गया।

4- क्रेडिट सुनिश्चित योजना: यह योजना सूक्ष्म, लघु और मध्यम व्यवसाय के लिए अगस्त, 2000 में शुरू की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य क्रेडिट डिलिवरी सिस्टम को मजबूत करना और एमएसई सेक्टर को क्रेडिट उपलब्ध कराने वाले सिस्टम को सहज बनाना है। इस योजना के तहत 1 करोड़ रुपए तक की कार्यकारी पूंजी सुविधा प्रदान की जाती है जिसे बिना किसी कोलेटरल सिक्योरिटी के बढ़ाया जा सकता है।

5- प्रदर्शन और क्रेडिट रेटिंग योजनाएं: इस योजना को नेशनल स्मॉल इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन (एनएसआईसी) द्वारा अगस्त 2016 में इसे लॉन्च किया गया। इसके लिए 1 करोड़ रुपए या इससे अधिक टर्नओवर वाली कंपनियां ही पात्रता रखती हैं।

6- कच्चा माल सहायता योजना:  राष्ट्रीय लघु उद्योग कॉर्पोरेशन, औद्योगिक इकाईयों को बड़े खर्च जैसे कि कच्चा माल जुटाने के दौरान लोन के रूप में सहयोग देता है। इस योजना के अंतर्गत अगर लोन की राशि 270 दिनों के भीतर चुकाई जाती है तो सूक्ष्म उद्यम को 9.5%-10.5% और लघु-मध्यम उद्यम को 10%-11% तक ब्याज देना पड़ता है।

7- परंपरागत उद्योगों के विकास के लिए फंडः खादी और ग्रामीण उद्योग आयोग ने परंपरागत उद्योगों और कलाकारों की सशक्तिकरण के लिए 2005 में इस योजना को लॉन्च किया था। इसके अंतर्गत एक प्रोजेक्ट (जिसे 3 साल के भीतर शुरू करना होता है) को अधिकतम 8 करोड़ रुपए तक आर्थिक सहयोग मुहैया कराने का प्रावधान है।

8- अवसंरचना विकास योजना: राष्ट्रीय लघु उद्योग कॉर्पोरेशन ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम व्यवसाय के सामने आने वाली कार्यालय की जगह की समस्या को हल करने के लिए इस योजना को शुरू किया है। इसमें 467 स्कवेयर फीट से लेकर 8,657 स्कवेयर फीट तक जगह उपलब्ध कराई जाती है. इसमें  6 महीने का किराया सिक्योरिटी डिपॉजिट के तौर पर जमा करना होता है जो जगह छोड़ने पर आपको वापस मिल जाता है। इसका नोटिस पीरियड 90 दिनों का होता है |

9-  अंतरराष्ट्रीय सहयोग योजनाः इस योजना को 1996 में शुरू किया गया था, जिसकी अध्यक्षता विकास आयुक्त कार्यालय करता है। इसका लाभ यात्रा, पर्यटन, मानव संसाधन और विज्ञापन क्षेत्र के उद्योग से जुड़े लोग उठा सकते हैं। इसके अंतर्गत 40 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ रुपए तक का लोन दिया जाता है जिसकी सब्सिडी दर 12%-15% तक रहती है।

10- सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क योजनाः सॉफ्टवेयर टेक्नॉलजी पार्क्स ऑफ इंडिया ने भारत से सॉफ्टवेयर निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यह स्कीम शुरू की है। इस स्कीम के तहत कानूनी सुविधाएं, डेटा कम्यूनिकेशन सर्वस, इनक्यूबेशन सुविधाएं, प्रशिक्षण और अन्य महत्वपूर्ण सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। यह योजना आईटी सेक्टर, फिनटेक, एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर, ऐनालिटिक्स और आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस उद्योगों के लिए लाभकारी है |

11- संशोधित विशेष प्रोत्साहन पैकेज योजना: इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने 2012 (जुलाई) में इलेक्ट्रानिक विनिर्माण के क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्टअप्स के लिए यह योजना शुरू की है। इसके अंतर्गत भारत सरकार, विशेष आर्थिक क्षेत्र में 20% सब्सिडी (गैर विशेष आर्थिक क्षेत्र में 25%) देती है। स्पेशल इकनॉमिक जोन से बाहर कैपिटल एक्युपमेंट के लिए सीवीडी/एक्साइज की भरपाई करती है। साथ ही, योजना के अंतर्गत बड़े निवेश वाले प्रोजेक्ट्स के लिए सेंट्रल टैक्स और डूयूटी की भरपाई भी की जाती है।

12- न्यूजेन इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट सेंटर योजना: भारत सरकार इस योजना के तहत शैक्षणिक संस्थानों में नवाचार और उद्यमिता कल्चर को बढ़ावा देने का काम कर रही है। योजना के तहत सरकार, 25 लाख रुपए तक का सीमित और वन-टाइम आर्थिक सहयोग प्रदान करती है।

13- सोलर पावर प्रोजेक्ट के लिए लोनः इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डिवेलपमेंट एजेंसी की अध्यक्षता में जुलाई, 2015 से इसकी शुरूआत हुई थी। इसमें लोन मिलने के 12 महीनों के भीतर आपको सोलर पावर प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य पूरा कराना होता है।

आपको बता दें, भारत सरकार हर साल चुनिंदा उद्यमी और उद्यम को पुरस्कृत भी करती है। इसके लिए जरूरी है कि गत चार सालों में उत्पादन या सुविधाएं लगातार जारी रही हों और आपके पास उद्योग आधार ज्ञापन हो।

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