News

हफ्ते भर में 5 ग्राम प्लास्टिक निगल जाते हैं आप! चौंकाने वाली रिपोर्ट

Manthan

हफ्ते भर में 5 ग्राम प्लास्टिक निगल जाते हैं आप! चौंकाने वाली रिपोर्ट

Ashish Urmaliya || The CEO Magazine

जब से मोदी जी ने प्लास्टिक को लेकर अपने मन की बात की है तबसे ही भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर बहस छिड़ी हुई है। प्लास्टिक वर्षों से अंतर्राष्ट्रीय शोध और सरकारी रिपोर्टों का विषय रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि वर्तमान में 'प्लास्टिक प्रदूषण' एक वैश्विक समस्या बना हुआ है। शोधों में पता चला है कि दुनियाभर में प्रोड्यूस होने वाले प्लास्टिक का 75 फीसदी कचरा बन जाता है और लगभग 87 फीसदी हिस्सा पर्यावरण के साथ मिल जाता है जो बहुत हानिकारक है।

नए अध्ययन की बात कर लेते हैं!

ऑस्ट्रेलिया में एक बहुत प्रचलित यूनिवर्सिटी है 'यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूकैसल' यहां के विशेषज्ञों द्वारा प्लास्टिक पर एक खास अध्ययन किया है, जो वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित भी किया गया है। इस खास अध्ययन में बताया गया है, कि एक हफ्ते में एक व्यक्ति कम से कम 5 ग्राम प्लास्टिक निगल रहा है। कहने का मतलब, किसी न किसी माध्यम से प्लास्टिक जैसी नुकसानदायक चीज इंसान के शरीर के अंदर पहुंच रही है। अध्ययन के मुतबिक, प्लास्टिक के कचरे का एक तिहाई से अधिक हिस्सा प्रकृति के साथ घुलमिल जाता है, मुख्य रूप से पानी में। और इसीलिए प्लास्टिक को शरीर में पहुंचाने का सबसे बड़ा श्रोत पानी है। आपको पता हो या न हो बता देते हैं, जो रिपोर्ट में बताया गया है, नल के पानी में प्लास्टिक फाइबर पाए जाते हैं। और भारत इस मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर है। यहां नल के पानी में 82.4 फीसद तक प्लास्टिक फाइबर पाया जाता है। मतलब प्रति 500 मिली में चार प्लास्टिक फाइबर होते ही हैं।

ध्यानगुरु रघुनाथ येमूल गुरुजी की दृष्टि से आषाढ़ की यात्राएँ : भक्ति, ऊर्जा और पर्यावरण का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक समन्वय

यदि भारत ने विश्व पर इंग्लैंड की तरह साम्राज्य स्थापित किया होता! (भाग–3) - ठाकुर दलीप सिंघ जी

ताज इंडियन ग्रुप अपने परिचालन के पहले वर्ष में ही भारत के शीर्ष 4 जूस निर्यातकों में हुआ शामिल

मेगामॉडल वैशाली भाऊरजार को तीन बार सम्मानित कर चुके हैं सिंगर उदित नारायण

गांव से राष्ट्र निर्माण तक,कपिल शर्मा की प्रेरणादायक कहानी