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सात हत्याओं की दोषी शबनम की फांसी क्यों टली? जानिए वजह

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Ashish Urmaliya || Pratinidhi Manthan

बावनखेड़ी हत्याकांड (Bawankhedi 7 Murder Case) की दोषी शबनम (Shabnam Hanging) की फांसी एक बार फिर टल गई है. रामपुर जेल में कैद शबनम को फांसी कब होगी, अभी भी इस पर फैसला नहीं हो पाया है. शबनम को फांसी दिए जाने के लिए मथुरा की जेल में सारी तैयारी तो कर ली गई है, लेकिन अभी डेथ वॉरंट जारी ना होने के कारण उसे फांसी नहीं दी जा सकी है. दरअसल, अमरोहा में जनपद न्यायालय ने अभियोजन से शबनम का ब्यौरा मांगा था. लेकिन सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि बीते शुक्रवार को रामपुर जेल के माध्यम से शबनम की फांसी रोकने के संदर्भ में एक याचिका लगाई जा चुकी है. जब तक दया याचिका पर फैसला नहीं आ जाता तब तक के लिए फांसी टाली जा चुकी है.

यह दूसरी दया याचिका है-

शबनम के वकील ने शबनम की मंजूरी से यह दूसरी दया याचिका राज्यपाल को भेज दी है. अब ये दया याचिका राष्ट्रपति को भेजी जाएगी। जब तक राष्ट्रपति का इस पर कोई फैसला नहीं आ जाता तब तक के लिए शबनम की फांसी टाल दी गई है. अब राष्ट्रपति के फैसले के बाद ही अदालत अपना आखिरी फैसला सुनाएगी.

विदित हो कि संविधान के अनुछेद 32 के तहत कोई भी दोषी जिसको फांसी की सज़ा कोर्ट द्वारा मुक़र्रर कर दी गई हो, वह राष्ट्रपति के समक्ष दो बार दया की याचिका भेज सकता है. शबनम द्वारा पहली बार दया याचिका तब भेजी गई थी जब देश के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी थे. लेकिन उस वक्त वे कोई भी फैसला नहीं दे पाए थे फिर श्री रामनाथ कोविंद ने पदभार संभाला और शबनम की दया याचिका को खारिज कर दिया. उसके बाद अब दोबारा ये याचिका राष्ट्रपति को भेजी गई है. राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद इसपर पुनर्विचार करेंगे और अपना अंतिम फैसला देंगे.

इसके साथ ही अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है. जेल से शबनम ने अब सीबीआई जांच की मांग की है. रविवार को शबनम अपने बेटे ताज से मिली. शबनम ने अपने बेटे से कहा कि खूब अच्छे से पढ़ना. बेटे ने भी मां से पहली बार पूछा कि क्या उन्होंने यह गुनाह किया है?

शबनम ने सीबीआई से जांच कराने की मांग की है-

जेल में शबनम से मिलने उसका 12 साल का बेटा और उसके केयर टेकर उस्मान पहुंचे. दोनों के बीच लगभग एक घंटे मुलाकात चली. ताज अपनी मां से मिलने जेल पहुंचा. उसने अपनी मां से पहली बार पूछा क्या यह गुनाह आपने किया है तो उसने कहा कि उसे फंसाया गया है. बेटे को देखकर शबनम भावुक हो गई, फूट-फूट कर रोने लगी और बेटे से कहा कि बेटा खूब मन लगाकर पढ़ना. बेटे के केयर टेकर उस्मान ने कहा कि अगर शबनम ने ये गुनाह किया है तो उसे बिल्कुल भी बचाना नहीं चाहिए. एक बार शबनम को मीडिया से बात करने की अनुमति दी जाए. उनका कहना है कि शबनम ने इस मामले में सीबीआई की जांच की मांग की है. वो पहले भी कोर्ट में इसकी जांच की मांग करती रही है, लेकिन उसकी मांग पूरी नहीं की गई है.

पूरा मामला जान लीजिए-

दरअसल ये मामला उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले का है. यहां की शबनम नाम की एक लड़की ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर 14/15 अप्रैल 2008 की रात अपने ही परिवार के सभी 7 लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी. और इन हत्याओं के पीछे का मकसद था कि वह अपने प्रेमी से शादी करना चाहती थी और घर वाले शादी के खिलाफ थे. शबनम का ऐसा सोचना था कि अगर वो अपने घर वालों को रास्ते से हटा देगी तो उसकी प्रेमी से शादी भी हो जाएगी और घर की संपत्ति पर भी उसका मालिकाना हक़ हो जाएगा, जिससे वो अपनी आगे की जिंदगी आराम से गुजारेगी. लेकिन शबनम अपराध के बाद अपने प्रेमी सलीम के साथ गिरफ्तार कर ली गई और उन दोनों को 2010 में अमरोहा की अदालत ने फांसी की सजा सुना दी. नैनी जेल में बंद सलीम की दया याचिका पर अभी फैसला आना बाकी है.

शबनम के 12 साल के बेटे ने राष्‍ट्रपति से की मार्मिक अपील

अमरोहा हत्याकांड के इस मामले को अदालत में लगभग 13 वर्ष बीत चुके हैं. ये मामला तब का है जब शबनम का बेटा पैदा भी नहीं हुआ था. शबनम ने दिसंबर 2008 में जेल में ही अपने बेटे को जन्म दिया था. अब ये कहानी उस बच्चे की भी है. वो बच्चा चाहता है कि देश का कानून शबनम को जीवनदान दे. क्योंकि, वो उसकी मां है. बच्चे ने अपनी मां को बचाने के लिए राष्‍ट्रपति से एक मार्मिक अपील भी की है. अब सबके मन में सवाल यही है कि शबनम को फांसी होगी या नहीं. क्या शबनम के सात खून माफ किए जा सकते हैं? क्या शबनम की CBI जांच वाली मांग को मजूरी मिलेगी?

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