सिर्फ एक गलती और रेमंड जैसे बड़े ब्रांड के संस्थापक आ गए सड़क पर!
Ashish Urmaliya | The CEO Magazine
विजयपत सिंघानिया, रेमंड कंपनी के संस्थापक। सिंघानिया ने रेमंड की स्थापना 1925 में की थी. व्यापार की अच्छी समझ, सूझबूझ और कड़ी महनत के दम पर सिंघानिया अपनी कंपनी को लगातार ऊंचाई पर ले जाते रहे. आज रेमंड देश के सबसे बड़े टेक्सटाइल ब्रांड्स में से एक है और देश के घर-घर में मशहूर है।
2014 तक सब कुछ ठीक चल रहा था. लेकिन 2015 में विजयपत सिंघानिया ने रेमंड ग्रुप का कंट्रोलिंग स्टेक बेटे गौतम सिंघानिया को कर दिया और फिर बात बिगड़नी शुरू हुई। दरअसल, कंट्रोलिंग स्टेक्स बेटे के नाम होने के एक साल के भीतर ही विजयपत सिंघानिया को कंपनी के चेयरमैन पद से बर्खास्त कर दिया गया और उनका पुत्रमोह में लिया गया फैसला गलत साबित हुआ।
करोड़ों की कंपनी के मालिक, आलीशान ज़िन्दगी और महंगे शौक रखने वाले सिंघानिया के पास आज रहने को घर भी नहीं है। साल 2007 में हुए समझौते के मुताबिक विजयपत को मुंबई के मालाबार हिल स्थित 36 महल के जेके हाउस में एक अपार्टमेंट मिलना था। इसकी कीमत बाजार मूल्य के मुकाबले बहुत कम रखी गई। बाद में इसी संपत्ति की बिक्री को लेकर बाप-बेटे में विवाद बढ़ा और रेमंड कंपनी के मौजूदा चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर गौतम सिंघानिया ने अपने पिता को बेघर करके छोड़ दिया।
हाल ही में विजयपत सिंघानिया से रेमंड ग्रुप के 'अवकाशप्राप्त चेयरमैन' का तमगा भी छीन लिया जिसकी जानकारी उन्हें नोटिस द्वारा दी गई। उन पर गाली-गलौज की भाषा के इस्तेमाल का आरोप भी लगाया गया है। इसके उलट विजयपत सिंघानिया अपने बेटे पर उनके दफ्तर से धक्का देकर निकाले जाने और देश के प्रतिष्ठित पुरस्कार पद्म भूषण की चोरी का आरोप लगा चुके हैं।
अपने फैसले का पछतावा करते हुए विजयपत सिंघानिया ने 2007 के कानून के तहत अपनी उपहार में दी गई संपत्ति वापस पाने के लिए कोर्ट में अपील करने का फैसला किया है। 2007 के इस कानून के तहत मूलभूत जरूरतें पूरी नहीं होने के सूरत में माँ-बाप को अपने बच्चों को उपहार में दी गई संपत्ति वापस लेने का अधिकार दिया गया है। विजयपत सिंघानिया का कहना है की बीते तीन वर्षों में उन्होंने अपने बेटे से एक भी बार बात नहीं की है।
आपको बता दें, वर्तमान में देश और दुनिया के 200 से अधिक शहरों में 700 से अधिक खुदरा दुकानों के नेटवर्क के साथ रेमंड ग्रुप का रिवेन्यू लगभग 800 मिलियन है।