पुणे: पुणे के एक प्रतिष्ठित व्यापारी परिवार को डिटेक्टिव प्रिया काकडे की सटीक और प्रभावी जांच के कारण एक बड़े संकट से मुक्ति मिली है। इस मामले में परिवार की छोटी बहू अपने सास-ससुर और अन्य परिजनों को अनजाने में नींद की गोलियां खिलाकर परेशान कर रही थी। इतना ही नहीं, वह दिनदहाड़े अपने प्रेमी के साथ घर में अवैध संबंध भी रखती थी, यह बात जांच में सामने आई।
यह परिवार शहर का नामी व्यापारी परिवार था, जिसमें वृद्ध दंपति, उनके दो बेटे और दो बहुएं साथ रहते थे। बड़ा और छोटा बेटा दोनों अपने व्यवसाय में व्यस्त रहते थे। कुछ महीनों से वृद्ध दंपति को लगातार नींद न आने की शिकायत थी। पहले तो इसे उम्र का असर मानकर उन्होंने अपने पारिवारिक डॉक्टर से परामर्श लिया। लेकिन जब जांच हुई तो डॉक्टर यह देखकर चौंक गए कि वृद्ध दंपति के शरीर में नींद की गोलियों की मात्रा अत्यधिक है।
डॉक्टर ने बड़ी बहू की भी जांच की तो उसके शरीर में भी गोलियों के अंश पाए गए, मगर छोटी बहू के शरीर में ऐसा कुछ नहीं मिला। डॉक्टर को शक हुआ, लेकिन परिवार की निजता का ख्याल रखते हुए उन्होंने बात सीधे नहीं बताई। बताया गया कि छोटे बेटे को कुछ शारीरिक समस्या थी, जिसके कारण उसका विवाह देर से हुआ था, इसलिए परिवार ने नई बहू को बहुत अपनापन दिया था।
इसी बीच, घर से नकदी और छोटे गहनों की चोरी भी होने लगी। जब इन दोनों घटनाओं नींद की दिक्कत और चोरी को जोड़ा गया, तो परिवार को संदेह हुआ कि कहीं नई बहू ही इसके पीछे तो नहीं। लेकिन सीधे आरोप लगाने की बजाय उन्होंने सबूत जुटाने का निर्णय लिया।
इसी सिलसिले में परिवार ने स्विफ्ट डिटेक्टिव एंड इन्वेस्टिगेशन की संचालिका डिटेक्टिव प्रिया काकडे से संपर्क किया। प्रिया काकडे ने बड़ी सावधानी और रणनीति से जांच शुरू की। उन्होंने छोटी बहू से दोस्ती का नाता बनाकर धीरे-धीरे जानकारी एकत्रित की। कुछ ही दिनों में सारा सच सामने आ गया छोटी बहू हर सुबह नाश्ते में सास-ससुर और परिवार के अन्य सदस्यों को नींद की गोलियां मिलाकर खिलाती थी, ताकि दिन में सब सोए रहें और वह अपने प्रेमी को घर बुला सके।
जब सबूत परिवार के सामने रखे गए, तो सभी स्तब्ध रह गए। पहले बहू ने इंकार किया, लेकिन जब पुलिस में शिकायत करने की बात आई, तो उसने अपनी गलती स्वीकार कर ली। बाद में परिवार ने मामला पुलिस तक न ले जाने का निर्णय लिया और रिश्तेदारों व समाज के कुछ मान्यवरों की मौजूदगी में बैठक बुलाकर सब कुछ खुलकर बताया। बैठक के बाद चोरी किए गए गहने और पैसे वापस मिल गए। अंततः परिवार ने बेटे का तलाक कराकर इस पूरे अध्याय को समाप्त किया।
इस पूरे मामले में डिटेक्टिव प्रिया काकडे की सूझबूझ, संवेदनशीलता और तकनीकी जांच कौशल की हर तरफ सराहना हो रही है। उनके कारण एक निर्दोष परिवार को मुक्ति मिली और समाज को सतर्क रहने का संदेश मिला।
प्रिया काकडे ने कहा “ऐसे मामलों में सिर्फ शक काफी नहीं होता, सबूत जरूरी होते हैं। सच देर से सही, लेकिन सामने आता ही है।” यह घटना आज पुणे में चर्चा का विषय बनी हुई है और हर घर के लिए एक चेतावनी है भरोसा जरूरी है, लेकिन सतर्कता उससे भी अधिक।