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साल का पहला सूर्य ग्रहण, 10 दिन बाकी हैं। पूरी जानकारी यहां है...

Ashish Urmaliya

सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) और चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) धार्मिक एवं ज्योतिष दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण घटनाएं मानी जाती है। ज्योतिष शास्त्र ज्ञाताओं के अनुसार इनका देश-दुनिया और लोगों पर खासा प्रभाव पड़ता है। सूर्य एवं चंद्र ग्रहण लोगों की जिंदगी में कई तरह की घटनाओं के कारण तो बनते ही हैं, इसके साथ ही देश-दुनिया में कई तरह की आपदाओं की वजह भी बनते हैं। 2021 में कुल 4 ग्रहण लगने हैं। इनमें से 2 चंद्र ग्रहण हैं और 2 सूर्य ग्रहण हैं। एक चंद्र ग्रहण लग चुका है अब सूर्य ग्रहण की बारी है।

जून के महीने में लगने जा रहा है साल का पहला सूर्य ग्रहण:

ग्रहण लगने की शुरुआत साल के पांचवें यानी मई के महीने से हो चुकी है. बीती 26 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण लग चुका है। इस साल का पहला चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण था जो पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत और अमेरिका में स्पष्ट रूप से देखने को मिला. यह चंद्र ग्रहण अटलांटिक और हिंद महासागर के कुछ हिस्सों से भी स्पष्ट दिखाई दिया था। वहीं अब साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को लगने जा रहा है। इसके बाद 2021 का दूसरा चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को होगा और दूसरा सूर्य ग्रहण साल के आखिरी महीने में यानी 4 दिसंबर को लगेगा।

यह सूर्य ग्रहण 'वलयाकार' होगा:

जानकारों के मुताबिक, इस साल 10 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2021) 'वलयाकार सूर्य' ग्रहण होगा जो भारत (India) में आंशिक रूप से दिखाई देगा। यह मुख्य रूप से कनाडा, रूस, एशिया, उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड समेत कई देशों में देखने को मिलेगा। 2021 के पहले सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग 5 घंटे की होगी जो 10 जून को दोपहर लगभग 1 बजकर, 42 मिनट पर शुरू होगा और शाम को 6 बजकर, 41 मिनट तक रहेगा।

ग्रहण का प्रभाव:

हमारे देश में ग्रहण को लेकर कई तरह की मान्‍यताएं हैं। कई धार्मिक पुराणों के अनुसार यह एक अशुभ घटना होती है, जिसके चलते इस दौरान कोई भी शुभ काम करने की मनाही होती है। पुराणों में ऐसी मान्यता है कि ग्रहण की प्रक्रिया से सूर्य और चंद्र पीड़ित हो जाते हैं। इसलिए इसका लोगों पर और देश-दुनिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बताया जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान पक्षियों को दाना डालने, गायों को घास खिलाने और जरूरतमंदों को वस्त्र दान करने से पुण्य मिलता है। इसके साथ ही ग्रहण के दौरान हमें घर से बाहर निकलने की मनाही होती है जो कि विज्ञान भी मानता है। वेद पुराणों के अनुसार हमें घर पर रह कर ग्रहण के दौरान सूर्य का कष्ट कम करने हेतु प्रभु आराधना करनी चाहिए।

(नोट- इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं प्रतिनिधि मंथन इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

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