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Bank Fail के बाद आपकी सेविंग, एफडी व अन्य सेवाओं का क्या हाल होता है?

Lubna

AshishUrmaliya || Pratinidhi Manthan

हम अपनी बचत को सुरक्षित रखने के लिए बैंकों का सहारा लेते हैं। देश के करोड़ों लोग अपने जीवन की गाढ़ी कमाई फिक्स्ड डिपाजिट (FD) के रूप में बैंकों में जमा करते हैं, ताकि वक्त आने पर उसका उपयोग कर सकें। लेकिन जैसा कि हमने देखा है पिछले कुछ दिनों में कुछ बैंक फ़ैल हुए, ऐसे में हमारे मन में भी सवाल पैदा होता है, कि ऊपर वाला न करे लेकिन अगर हमारा भी बैंक फ़ैल हो गया, तो हमारी रकम का क्या होगा? हाल ही में पीएमसी बैंक से जुड़ा मामला सामने आया था, हजारों लोग सड़कों उतर आये थे। आज इस आर्टिकल में हम आपको इसी बात की जानकारी देने जा रहे हैं, कि अगर आपके बैंक के साथ ऐसा होता है, तो आपकी मेहनत की कमाई का क्या होगा? 

मौजूदा वक्त में अधिकांश बैंकों की आर्थिक स्थिति अच्छी है, चाहे वह प्राइवेट सेक्टर का बैंक हो या फिर पब्लिक सेक्टर का। लेकिन फिर भी लोगों के मन में चिंता बनी रहती है। हाल ही में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया था जिसमें उन्होंने खाता धारकों के लिए बड़ी राहत दी है। दरअसल वित्त मंत्री ने बैंक फ़ैल होने की स्थिति में जमाकर्ताओं के लिए इंश्योरेंस राशि बढ़ाने का ऐलान किया है।

वित्त मंत्री का अप्रूवल मिलते ही भारतीय रिज़र्व बैंक(RBI) ने जमाकर्ता की इंश्योरेंस की राशि को बढ़ाकर 5 लाख रूपए कर दिया है, जो पहले 1 लाख हुआ करती थी। अब अगर आपका बैंक फ़ैल होता है, तो आपकी 5 लाख तक की जमा राशि इंश्योर्ड होगी और आपको वापस कर दी जाएगी।

यह व्यवस्था 4 फरवरी 2020 से लागू हो चुकी है। बता दें, इंश्योरेंस की इस योजना की पेशकश डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन द्वारा की जाती है, जो RBI की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी है। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन बीमा कवर के लिए बैंक के जमाकर्ता से सीधे तौर कोई चार्ज नहीं लेता। प्रीमियम का यह भुगतान बैंकों को करना होता है।

एफडी(Fixed Deposit) का क्या होता है?

इस बीमा कवर योजना में सभी तरह के डिपॉजिट्स जैसे सेविंग, आवर्ती जमा, एफडी आदि सभी कवर होते हैं। योजना में मूलधन और ब्याज को मिलकर कुल 5 लाख की राशि कवर होती है। यह बीमा गारंटी तभी लागू होती है, जब बैंक बंद हो जाता है। इस योजना के तहत किसी भी विशेष बैंक के फ़ैल होने के बाद उसकी सभी शाखाओं में जमाकर्ता द्वारा जमा की गई राशि का संयोजन किया जाता है। अर्थात अगर किसी व्यक्ति ने बैंक की अलग-अलग शाखाओं में पैसा जमा किया है, तो उसे संयोजित करके उसे 5 लाख रूपए तक का भुगतान किया जाता है। अगर आपकी जमा राशि 5 लाख से कम है तो आपको उतना ही भुगतान किया जायेगा। और 5 लाख से ज्यादा भी जमा हैं तो आपको 5 लाख का ही भुगतान होगा।

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