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यहां से आपको लाखों की कमाई भी हो जाये, फिर भी नहीं लगेगा TAX

Lubna

Ashish Urmaliya ||Pratinidhi Manthan

टैक्स के दो प्रकार होते हैं।

पहला– इनकम टैक्स, जोनौकरी, व्यापार करने वाले लोग अपनी स्वयं की कमाई से देते हैं।

दूसरा होता है कॉर्पोरेटटैक्स, जो भारत की सभी लिस्टेड, अनलिस्टेड, प्राइवेट, लिमिटेड कंपनियों पर लगाया जाताहै।

तोभारत में जितना कुल इनकम टैक्स जमा होता है, उसका लगभग आधा हिस्सा देश की 1 प्रतिशतजनता द्वारा पे किया जाता है। और यह बिलकुल स्वाभाविक सी बात है क्योंकि भारत की70 परसेंट पापुलेशन के पास कुल मिला कर जितना पैसा है, उतना पैसा देश के सिर्फ 57 अमीरोंलोगों के पास है। 

भारतके 1 प्रतिशत लोगों यानी लगभग 1300 लोगों के पास भारत की 70 प्रतिशत आबादी से 4 गुनाज्यादा पैसा है। भारत के 63 सबसे अमीर लोगों के पास जितना पैसा है, वो हमारे केंद्रीयबजट के परिव्यय से भी अधिक है।  

खैर,हम टैक्स पर बात कर रहे थे, बीते 4-5 सालों में टैक्स को लेकर सरकार भी बहुत सख्त होगई है। और इसी के चलते देश में टैक्स पेयर्स के परसेंटेज में  इजाफा हुआ है। दरअसल सरकार का नियम है, कि जिसकीभी आय 2.5 लाख रूपए/ प्रतिवर्ष से अधिक है वह टैक्स जमा करेगा। चाहे वह कारोबारी होया नौकरी पेशे का व्यक्ति। नौकरी करने वाले लोगों का टैक्स तो सैलरी अकाउंट से ही कटजाता है।

आगे बढ़ें उससे पहले जान लीजियेकि कितनी आमदनी वाले व्यक्ति को कितना टैक्स भरना पड़ता है?

–2,50,000 हजार से कम कमाई वाले व्यक्ति को कोई टैक्स नहीं देना होता।

–अगर आपकी सालाना इनकम 2.5 लाख से 5 लाख रुपए के बीच है, तो आपको अपनी कुल सालाना कमाईका 5% हिस्सा टैक्स के रूप में जमा करना होता है।

–अगर आपकी सालाना कमाई 5 लाख से 10 लाख रूपए के बीच है, तो आपको सालाना Rs 12,500 रुपएके साथ 20% टैक्स के रूप में जमा करना होता है।

–अगर आपकी सालाना कमाई 10 लाख रूपए या उससे भी अधिक है तो आपको 1,12,500 रूपए सालानाप्लस 30% टैक्स जमा करना होता है।

यहांआपको कंफ्यूज होने की जरूरत नहीं है. आप सोच रहे होंगे कि 1,12,500 देने हैं प्लस पूरीआमदनी का 30%, यह तो बहुत ज्यादा अमाउंट हो जाएगा।

जैसेकि अगर आपकी सालाना कमाई 11 लाख रूपए की है, तो आपको 10 लाख रूपए का 1,12,500 रूपएतो फिक्स टैक्स देना ही है उसके बाद आपको 10 लाख के बाद जितने लाख बढ़ेंगे उसका 30 परसेंटऐड करके देना है। अगर आपकी सालाना कमाई 11 लाख रुपए है, तो आपको 112500+30000=143500 टैक्स देना होगा। यानी आप जो 10 लाख रुपए से 1 लाख रुपए ऊपर गए हैं उसका30% और ऐड हो जायेगा। 

इसी के साथ मैं आज आपको कुछ ऐसेकमाई के श्रोतों (Sources) के बारे में बताने जा रहा हूं, जिसमें आपको कोई टैक्स नहींदेना पड़ता। तो आइए, एक-एक करके उनके बारे में जानते हैं…

1. खेती से होने वाली कमाई- एक अनुमान के मुताबिक,देश की कुल जनसंख्या में से मात्र 50 से 55 करोड़ लोग ही वर्किंग हैं, यानी काम करतेहैं और बाकी के बचे हुए लोगों का भरण पोषण करते हैं। अब इन 50-55 करोड़ लोगों में सेआधे मतलब, 20 से 25 करोड़ लोग ऐसे हैं, जो खेती करके अपना जीवन यापन करते हैं। तो इनलोगों द्वारा की गई कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता। आप चाहें तो खेती के जरिये करोड़ोंकी कमाई भी कर लें, कोई टैक्स नहीं लगेगा। 

2. शादी में मिलने वाले गिफ्ट्स- आयकर अधिनियम केतहत गिफ्ट्स लेने या देने पर भी टैक्स की कोई देयता नहीं बनती। अगर आपकी शादी हो रहीहै और आपको दोस्तों, रिश्तेदारों, या ससुराल वालों की तरफ से कोई गिफ्ट मिलता है तोआपको इसपर कोई टैक्स नहीं देना होगा। ध्यान दीजियेगा, मैनें ससुराल वालों से गिफ्टकहा है- दहेज़ नहीं।  ध्यान नहीं भी देंगे तोचलेगा, क्योंकि इस अधिनियम के तहत, मिलने वाला कोई भी गिफ्ट 50 रूपए से अधिक कीमत कानहीं होना चाहिए। इसके साथ ही आपको ये ध्यान रखना होगा, कि गिफ्ट मिलने की तारीख शादीवाले दिन या उसके आस-पास की होनी चाहिए। 

3. ग्रेच्युटी पर छूट- अगर आप किसी ऑर्गनाइजेशनमें 5 साल या उससे अधिक समय तक काम कर चुके हैं, तो उसके बाद नौकरी छोड़ने पर आपको उपदान(Gratuity) मिलती है, जो कि टैक्स छूट के दायरे में आती है। लेकिन हां, यहां कुछ शर्तोंपर ध्यान देने की जरूरत है। अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं, तो आपकी 20 लाख रूपए तक कीग्रेच्युटी पर टैक्स नहीं लगेगा। और अगर आप किसी प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं तोआपंकी 10 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी पर टैक्स नहीं लगेगा।  

4. इन उपहारों पर भी नहीं देनापड़ेगा टैक्स-आयकर नियमों के मुताबिक, आपको अपने पति/पत्नी, भाई/बहन, माता/पिता, पति या पत्नी केभाई/बहन, करीबी वंशज व पूर्वज, विरासत या वसीयत, हिन्दू अनडिवाइडेड फैमिली के किसीसदस्य, लोकल अथॉरिटी जैसे- पंचायत, म्युनिसिपलिटी, म्युनिसिपल कमेटी, जिला बोर्ड, कैंटोनमेंटबोर्ड आदि की तरफ से मिले गिफ्ट पर कोई भी टैक्स नहीं देना पड़ता है। भले ही वह गिफ्ट50 हजार रूपए से अधिक का ही क्यों न हो।    

5. NRI ( Non ResidentIndian) को भी छूट-भारत से बाहर रह रहे भारतीयों को NRE (नॉन रेजिडेंट एक्सटर्नल) खाते पर मिलने वालाब्याज पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है। इसमें सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपाजिट दोनोंतरह के खातों पर मिलने वाला ब्याज शामिल है।

6. EPF पर छूट- 5 साल तक की नौकरीकरने के बाद कोई भी व्यक्ति अपने एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) से पैसे की निकासीकरता है तो उसे उस रकम पर कोई भी टैक्स नहीं देना होता। ध्यान रहे, अगर 5 साल के पहलेआप अपना EPF अकाउंट को तुड़वा लेते हैं, तो आपको उस रकम का टैक्स भरना होगा।

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