जन औषधि केंद्र खोल कर शुरू करें नया व्यवसाय, 2.5 लाख देगी सरकार
जन औषधि केंद्र खोल कर शुरू करें नया व्यवसाय, 2.5 लाख देगी सरकार 
Business

कुल निवेश का 80% सरकार देगी, साल भर में 20 लाख की कमाई फिक्स!

Manthan

कुल निवेश का 80% सरकार देगी, साल भर में 20 लाख की कमाई फिक्स!

Ashish Urmaliya | The CEO Magazine

भारत में सोलर प्रोडक्ट्स का चलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इसके पीछे मुख्य दो कारण हैं, पहला कि, इसके चलते बिजली खर्च में कमी आती है और दूसरा बिजली बनाने के लिए पानी पर हमारी निर्भरता नहीं होती। आज पूरी दुनिया सोलर पावर का लोहा मान चुकी है। बड़ी-बड़ी कंपनियां सोलर पावर से संबंधित उत्पादों का निर्माण कर रही हैं, जैसे- कार, मोटरसाइकिल, ऑटो रिक्शा, टॉर्च, पंखा, कूलर, ऐ.सी., बल्ब, पॉवरबैंक आदि। यहां तक कि, कुछ लोग बिजली खर्च में कटौती करने के लिए अपने घर की छतों पर सोलर पैनल इंस्टॉल करवा रहे हैं। सरकार भी बड़े-बड़े सोलर पॉवर प्लांट लगाने की योजना के अंतर्गत काम कर रही है। भारत की कई नामी प्राइवेट कंपनियों ने देश भर में कई बड़े-बड़े सोलर पॉवर प्लांट्स लगवा रखे हैं।

यह एक अच्छा समय है, उनके लिए जो कम लागत पर अपना खुद का नया उद्योग शुरू करने के बारे में विचार कर रहे हैं। क्योंकि वर्तमान में सरकार सोलर प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सोलर बिज़नेस को प्रमोट कर रही है। बैंक भी ऐसे कारोबार को लोन देने में काफी रुचि ले रहे हैं। ऐसे में अगर आप सोलर लैंप बनाने की फैक्ट्री शुरू करते हैं, तो यह आपके लिए काफी मुनाफेदार साबित होगी।

आइये निवेश के बारे में जान लेते हैं-

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार, इस उद्योग को शुरू करने के लिए पहले महीने आपको कम से कम 1.50 लाख रुपये की वर्किंग कैपिटल की आवश्यकता होगी। साथ ही आपको फिक्स्ड कैपिटल यानी, मशीनरी और इक्विपमेंट्स पर तकरीबन साढ़े 3 लाख रूपए खर्च करने होंगे। मशीनरी और इक्विपमेंट्स में ड्रिल मशीन, ग्राइंडर, हाई वोल्‍टेज ब्रेक डाउन टेस्‍टर, ऑटो ट्रांसफार्मर, इंसुलेशन टेस्‍टर, टेस्टिंग सेटअप, डिजिटल मल्‍टीमीटर, वोल्टेज स्‍टबलाइजर, कंप्‍यूटर, प्रिंटर आदि शामिल हैं।  इस मशीनरी के इंस्टालेशन में लगभग 1 लाख रूपए का खर्च आयेगा। मतलब कि, फैक्ट्री जमाने के लिए आपको कुल मिलाकर लगभग 7 लाख रूपए की जरूरत पड़ेगी।

सोलर लैंप के लिए रॉमटेरियल

फैक्ट्री जमाने के बाद उत्पादन शुरू होगा, और इसके लिए आपको कच्चे माल(रॉ-मैटिरियल) की आवश्यकता होगी। रॉ-मैटिरियल जैसे- सोलर पीवी मॉड्यूल, बैटरी, एलईडी, स्विच, इनपुट कनेक्‍टर, मॉडर्न प्‍लास्टिक कैबिनेट, फ्यूज, केबल, पीसीबी, सेमी कंडक्‍टर्स, रेसिसटर्स, कैपसिटर्स, ट्रांसिसटर्स, इलेक्‍ट्रो मैकेनिकल कंपोनेंट आदि। अब अगर आप 1000 सोलर लैंप उत्पादित करने का लक्ष्य रखते हैं, तो आपको करीब 17 लाख रूपए के रॉ-मैटिरियल की जरूरत होगी। प्रोजेक्ट रिपोर्ट के मुताबिक, एक सोलर लैंप के निर्माण में लगभग 1700 रूपए के रॉ-मैटिरियल का यूज होता है।

इससे होने वाली कमाई का हिसाबकिताब कर लेते हैं

एक सोलर लैंप बनाने में जो कुल राशि खर्च होगी वह है, 2,030 रूपए (सभी तरह के खर्च, डेप्रिसिएशन और इंटरेस्ट मिला कर)। अब अगर आप साल भर में 12000 लैंप निर्माण करने का लक्ष्य निर्धारित करते हैं, जो कि बहुत आसान है। तो साल भर में आपका कुल खर्च लगभग 2 लाख 44 हजार होगा। अब यदि आप इन लैंप्स को सामान्य बाजारू मूल्य यानि, 2200 रूपए में बेचते हैं, तो आपका सालाना टर्नओवर 2 करोड़ 64 लाख रूपए होगा। और आपकी कुल सालाना बचत 20 लाख रूपए होगी।

2 करोड़ रूपए दे कर, सरकार भी करेगी मदद!

सोलर लैंप की फैक्ट्री लगाने के लिए आप सरकार की मदद भी ले सकते हैं। इसलिए लिए सरकार आपको 2 करोड़ तक का लोन बिना सिक्योरिटी के देती है।

इसके लिए आप जिला उद्योग केंद्र जाकर संपर्क कर सकते हैं। या फिर लोन अप्लाई करते वक्त बैंक से केंद्र सरकार की क्रेडिट गारंटी स्‍कीम के तहत लोन देने का आग्रह कर सकते हैं। इसके अलावा आप बैंकों द्वारा एमएसएमई केटेगरी को दिए जाने वाले लोन के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं। बैंकों की एमएसएमई लोन स्कीम के तहत आपको कुल निवेश की 80 फीसदी रकम लोन के रूप में मिल सकती है। तो देरी किस बात, शुरू हो जाइये। सफलता पाने के लिए कुछ रिस्क तो लेना पड़ेगा।

भावना AI में प्रौद्योगिकी: भावनाओं को समझना और प्रतिक्रिया देना

अंतरिक्ष पर्यटन में प्रौद्योगिकी: कमर्शियल अंतरिक्ष यात्रा

व्यक्तिगत कैंसर थेरेपी में प्रौद्योगिकी: सटीक ऑन्कोलॉजी

क्वांटम कंप्यूटिंग में प्रौद्योगिकी: क्वांटम सर्वोच्चता की ओर

ड्रग डिस्कवरी में एआई की भूमिका: फार्मास्यूटिकल्स में प्रौद्योगिकी समाधान