किसानों को 15-15 लाख रूपए देगी सरकार, बनानी होगी कंपनी

किसानों को 15-15 लाख रूपए देगी सरकार, बनानी होगी कंपनी
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AshishUrmaliya || Pratinidhi Manthan

किसानों को कंपनी बनाने के लिए केंद्र सरकार 15 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दे रही है। इस योजना का मकसद किसानों की आमदनी को बढ़ाना है, लेकिन मदद पाने के लिए शर्तें लागू हैं।

भारतीय सरकार (govt. of india) ने कृषि और किसान को आगे बढ़ाने के लिए उनके संगठन को 15-15 लाख रुपए आर्थिक सहायता देगी। सहायता पाने के लिए किसानों को एक कंपनी का गठन करना होगा यानी किसान उत्पाद संगठन (Farmer Producer Organisation) बनाना होगा। बता दें, हाल ही में सरकार ने 10,000 नए किसान उत्पादक संगठन बनाने की मंजूरी दे दी है। अगले 4 सालों में इस योजना पर 4,496 करोड़ रुपये खर्च होंगे।  

किसानों द्वारा बनाई गई कंपनी का रजिस्ट्रेशन कंपनी एक्ट में ही होगा। इस कंपनी को वो सारे फायदे भी मिलेंगे जो एक सामान्य कंपनी को मिलते हैं। साथ ही ये संगठन कॉपरेटिव पॉलिटिक्स से बिलकुल अलग होंगे, कहने का मतलब इन कंपनियों पर कॉपरेटिव एक्ट लागू नहीं होगा।

किसानों को सीधा फायदा मिलेगा-

FPO लघु एवं सीमांत किसानों का एक संगठन होगा। संगठन से जुड़े किसानों को न सिर्फ उनके द्वारा की गई उपज के लिए बाजार मिलेगा बल्कि बीज, खाद, दवाइयों और कृषि उपकरण खरीदने में भी आसानी होगी। सबसे बड़ी बात बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी, अन्य सेवाएं सस्ती मिलेंगी।

किसान इस बात से भलीभांति परिचित और परेशान भी हैं, कि जब वे अपनी फसल को बेचने जाते हैं तो उसका अधिकतम मुनाफा बिचौलियों को मिलता है। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पायेगा, FPO योजना से किसान को उसकी पैदावार के अच्छे भाव मिलेंगे, क्योंकि बारगेनिंग कलेक्टिव होगी।

केंद्रीय किसान कल्याण एवं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बताए अनुसार, ये 10,000 नए FPO अभी से 2023-24 तक बनाये जाएंगे। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति और आत्मविश्वास को बढ़ावा मिलेगा, उनकी सामूहिक शक्ति बढ़ेगी।

15 लाख कैसे मिलेंगे?

राष्ट्रीय किसान महासंघ के संस्थापक विनोद आनंद बताते हैं, कि जब अटल सरकार थी तब सबसे पहले अर्थशास्त्री डॉ. वाई के अलघ के नेतृत्व में एफपीओ बनाने के लिए एक कमेटी बनाई थी। इसके तहत कम से कम 11 किसान मिलकर अपनी कंपनी या संगठन बनाए सकते हैं। अब मोदी सरकार जो 15 लाख की सहायता देने की बात कर रही है, उसका फायदा किसानों की कंपनी का काम देखकर 3 सालों में दिया जायेगा।  

संगठन यानी FPO बना कर आप आर्थिक सहायता कैसे ले सकते हैं, उसकी शर्तें क्या हैं? जानिए-

1) अगर संगठन भूमिगत काम कर रहा है, तो कम से कम 300 किसान उससे जुड़े होने चाहिए। मतलब एक बोर्ड मेंबर के साथ 30 लोग सामान्य सदस्य हों पहले यह संख्या 300 की जगह 1,000 हुआ करती थी।

 2) अगर संगठन किसी पहाड़ी क्षेत्र में है, तो कंपनी के साथ कम से कम 100 किसानों का जुड़ा हुआ होना जरूरी है। मतलब उनको कंपनी के जरिये फायदा मिल रहा हो।

3) किसानों से संगठन को नाबार्ड कंस्ल्टेंसी सर्विसेज काम के अनुसार रेटिंग देगी, उस रेटिंग के आधार पर ही ग्रांट मिलेगा।

4) किसानों की कंपनी का बिज़नेस प्लान देखा जायेगा, कि वह अन्य किसानों को फायदा दे पा रही है या नहीं। किसानों को उत्पाद उपलब्ध करा पा रही हैं या नहीं।

5) कंपनी का शाशन कैसा है? बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स सिर्फ कागजों में हैं या फिर वाकई काम कर रहे हैं। कंपनी बाजार में किसानों की पहुंच को आसान बनाने के लिए काम कर रही है या नहीं।  

6) अगर कोई संगठन किसानों की जरूरत से जुड़ी चीज़ों की सामूहिक खरीदी कर रही है, तो नाबार्ड कंस्ल्टेंसी सर्विसेज द्वारा दी गई रेटिंग में उस कंपनी की रेटिंग अच्छी हो सकती है। क्योंकि इससे किसानों को सस्ता सामान मिलने लगता है।

FPO यानी किसानों का ये संगठन होता क्या है (What is FPO)?

किसान उत्पादक संगठन Farmers Producer Organisation किसानों का एक समूह या कह लें कंपनी होती है। जो कृषि उत्पादन उत्पादन संबंधित कार्यों में मुख्य भूमिका निभा रही हो और कृषि से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियां चला रही हो। यह समूह कंपनी एक्ट के अंतर्गत रजिस्टर्ड होता है।  

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