5 करोड़ किसानों को मिली किसान सम्मान निधि की अंतिम किस्त, ऐसे करें आवेदन

5 करोड़ किसानों को मिली किसान सम्मान निधि की अंतिम किस्त, ऐसे करें आवेदन

Ashish Urmaliya ||Pratinidhi Manthan

अगले कुछ महीनों में देश के करीबसाढ़े नौ करोड़ किसानों को 50 हजार करोड़ की सहायता पहुंचा दी जाएगी।

Pradhanmantri Kisan SammanNidhi Schemeके तहत कुछ माह के भीतर देश के किसानों तक करीब 50 हजार करोड़ रूपए की आर्थिक सहायतापहुंचाने की तैयारियां जोरों पर हैं। बता दें, देशभर के किसानों को 87 हजार करोड़ रुपएपहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था जिसमें से 37 हजार करोड़ रुपए भेजे जा चुके हैं।

PM-Kisan Samman NidhiSchemeके तहत देशभर के 22.06 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचाया जाना था। जिसमें से 4.94 करोड़किसानों तक इस योजना की तीनों किश्तों का लाभ पहुंच चुका है। 7.62 करोड़ किसानों कोअभी पहली किश्त का ही लाभ मिला है। लेकिन 9.5 करोड़ किसान अभी भी इसका इंतजार कर रहेहैं। अगर आप उन्हीं 9.5 करोड़ किसानों में से एक हैं जिनका अब तक रजिस्ट्रेशन भी नहींहुआ है, तो चिंता वाली कोई बात नहीं है। क्योंकि पहले जो किसानों को अपना रजिस्ट्रेशनकराने के लिए अधिकारियों के पास जाना पड़ता था। अब उसकी भी जरूरत नहीं है। अब आप इसकेनजदीकी पोर्टल पर जाकर खुद ही आसानी से अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। अगर आप किसाननहीं भी हैं और यह आर्टिकल पढ़ रहे हैं तो किसानों तक यह जानकारी पहुंचा कर उनकी मददकर सकते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकारोंपर आरोप लगाए।

केंद्रीयकृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के मुताबिक, केंद्र सरकार द्वारा कई बार राज्य सरकारोंको संबंधित डाटा भेजने का अनुरोध किया गया लेकिन राजस्थान, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगालसहित कुछ अन्य राज्य सरकारों ने राजनैतिक द्वेष भावना के चलते अभी तक केंद्र सरकारको किसानों का डाटा नहीं भेजा है। और यही एक वजह है, कि इन राज्यों के बहुत से किसानोंतक इस योजना का नहीं पहुंच पाया है। कैलाश चौधरी ने इन राज्य सरकारों से निवेदन कियाहै, कि किसानों को परेशान करना बंद करें और जल्द ही डाटा भेजकर उनको राहत दिलवाने मेंमदद करें। 

दीदी इस योजना का बायकॉट कर रहीहैं-

देशभरके किसानों को यह लाभ मिला है लेकिन पश्चिम बंगाल के एक भी किसान को इसका लाभ नहींमिल पाया है। वजह है, वहां की सरकार। पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस की सरकार इसयोजना को स्वीकारने को तैयार नहीं है। दरअसल, जब राज्य सरकारें अपने राज्य के किसानोंका डाटा केंद्र सरकार को भेजती हैं उसी के आधार पर केंद्र सरकार पैसा रिलीज करती है।शुरुआत में दिल्ली सरकार ने भी इस योजना का विरोध किया लेकिन बाद में डाटा देने कोतैयार हो गई। बाद में दिल्ली सरकार ने डाटा भेजा और अब वहां के किसानों को पैसा मिलरहा है। भारतीय जनता पार्टी इसी मुद्दे को लेकर ममता सरकार को घेरती रहती है।

मध्यप्रदेश व राजस्थान के बहुतही कम किसानों को मिल पाया है लाभ-

इन दोनों राज्यों में कांग्रेस का शासन है। शुरुआत में जब इस योजना की घोषणा हुई थी और केंद्र सरकार ने चुनाव के वक्त किसानों को जल्द से जल्द इसका लाभ पहुंचने का वादा किया था। केंद्र के इसी वादे को विलंबित करने के चक्कर में इन राज्य सरकारों ने किसानों का डाटा भेजने में बहुत विलंब किया। लेकिन अब ये सरकारें डाटा भेज रही हैं और किसानों तक मदद पहुंच रही है। लेकिन गति अभी भी बहुत धीमी है। परसों यानी 8 दिसंबर तक राजस्थान के 55,65,756 वहीं मध्य प्रदेश के 52,51,083 किसानों को पैसा भेजा जा चुका है।  

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